महाराष्ट्र: मुंबई (मुंबई) के मरीन लाइन (मरीन लाइन्स) स्थित इस्लाम जिमखाना (इस्लाम जिमखाना) ने इमामों (इमाम) को अंग्रेजी सीखने के लिए इंग्लिश लर्निंग कोर्स (इंग्लिश लर्निंग कोर्स) जारी करने जा रहा है। इस्लाम धर्म में इमाम नमाज़ पढ़ते हैं और धार्मिक कार्यों पर ख़ु़तबा देते हैं, समाज में इमाम का विशेष महत्व और सम्मान होता है।


आमतौर पर इमामों की शिक्षा मदरसों से होती है, जहां पर अंग्रेजी भाषा को सिखाने पर अधिक ज़ोर नहीं दिया जाता है. इसलिए इस्लाम जिमखाना विशेष रुप से डिजायन किये गए अंग्रेजी पाठ्यक्रम के माध्यम से, इमामों को अंग्रजी भाषा में निपुण बनाना चाहता है. इसको लेकर इस्लाम जिमखाना के अध्यक्ष युसुफ अब्रानी ने बताया कि, हमारा संस्थान ने विशेष रुप से इमामों के लिए अंग्रेजी पाठ्यक्रम शुरू किया है. इससे इमाम नए दौर के युवावों को जो अपने आपको अंग्रेजी भाषा में ज्यादा सहज महसूस करते हैं, उनसे संवाद करने में आसानी होगी.


जल्द ही पाठ्यक्रम को लेकर की जाएगी चर्चा


युसुफ अब्रानी ने बताया कि इस प्रोज़ेक्ट पर चुर्चा क लिए जल्द की समाज के बड़े उलेमाओं, मौलवियों, उपदेशकों और इमामों की एक बैठक बुलाई जाएगी. वहीं कई उलेमाओं ने इस्लाम जिमखाना के इस पहल की सराहना की है. इस्लामिक स्कॉलर मौलाना मोईन अशरफ ने कहा कि, आज अंग्रेजी वैश्विक स्तर पर बोली और समझी जाने भाषा है. अगर इमाम भी अंग्रेजी को पढ़ने और बोलना सीख जाते हैं, तो यह समाज और देशहित में बदु सेवा होगी. उन्होंने कहा कि मैं इस पहल की हर तरह से समर्थन करता हूं. 


मुझसे जुड़े हुए इमामों को अंग्रेजी सीखने के लिए करूंगा प्रोत्साहित


मौलाना मोईन अशरफ ने बताया कि, वह की धार्मिक संगठनों के प्रमुख हैं, इस कारण उनके साथ कई इमाम जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करता हूँ कि उनमें से कई इमामों को मैं अंग्रेजी भाषा सीखने के लिए प्रोत्साहित करूंगा, जिससे कि वह अंग्रेजी सीख सामाजिक उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं. 


जुमा मस्जिद के मुफ्ती ने कहा कि यह पहल रोजगार की क्षमता विकसित करेगी


टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, क्रॉफर्ड मार्केट के ऐतिहासिक जुमा मस्जिद के मुफ्ती अशफाक काजी ने भी इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि इससे इमेज को बातचीत करने में आसानी होगी तो साथ ही, वह अपनी नौकरी हासिल करने की क्षमता विकसित कर लेंगे। 


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