(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra: जेल में बंद मंत्री नवाब मलिक और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख की एक ही डिमांड, एक लिए कोर्ट की 'यस', दूसरे के लिए 'नो'
जेल में बंद मंत्री नवाब मलिक और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने प्राइवेट अस्पतालों में शिफ्ट होने के लिए याचिका दायर की थी. कोर्ट ने मलिक की अर्जी मंजूर की लेकिन देशमुख की याचिका खारिज हो गई.
Maharashtra News: मुंबई की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को जेल में बंद महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक (Nawab Malik) को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल ले जाने की अनुमति दे दी. वहीं एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को ही महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया.
दरअसल मुंबई में सरकारी जेजे अस्पताल द्वारा एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी कि मंत्री मलिक को जिन कुछ चिकित्सा परीक्षणों से गुजरना पड़ता है, उनकी इस अस्पताल में सुविधा नहीं है. मलिक के वकीलों ने मांग की थी कि मंत्री को एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाए, जहां वह अपने खर्च पर अपनी विभिन्न बीमारियों के लिए वर्षों से इलाज करा रहे हैं. अदालत ने पिछले हफ्ते निर्देश दिया था कि मलिक को परीक्षण और आगे के इलाज के लिए जेजे अस्पताल ले जाया जाए. विशेष न्यायाधीश आर एन रोकाडे ने आर्थर रोड जेल के अधीक्षक को, जहां मलिक बंद है, उन्हें क्रिटिकल केयर अस्पताल में भर्ती करने का निर्देश दिया. अदालत ने यह भी कहा कि मलिक को पुलिस लेकर जाएगी, जिसका खर्च भी वह वहन करेंगे.
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भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अनिल देशमुख
वहीं एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को ही निर्देश दिया कि पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को उनके अव्यवस्थित कंधे की जांच के लिए नगर निगम द्वारा संचालित केईएम अस्पताल और आगे के इलाज के लिए जेजे अस्पताल भेजा जाए. अदालत ने एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया. भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीबीआई और ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए देशमुख ने पिछले महीने आर्थर रोड जेल में एक कंधे में परेशानी की शिकायत की थी, जहां वह नवंबर से बंद है. इसी क्रम में उन्होंने परीक्षण और उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित करने के लिए एक याचिका दायर की थी.