Maharashtra Rain: जून में सूखे के बाद, जुलाई में महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश ने एक पखवाड़े के भीतर राज्य भर के बांधों में सामूहिक जल भंडार को दोगुना से अधिक कर दिया है. राज्य के जल संसाधन विभाग द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, जहां 1 जुलाई को बांधों में पानी का भंडार कुल भंडारण क्षमता का 24.07 प्रतिशत दर्ज किया गया था, वहीं शुक्रवार शाम को यह बढ़कर 53.73 प्रतिशत हो गया. कोंकण, पश्चिमी महाराष्ट्र के अधिकांश हिस्सों, मराठवाड़ा, विदर्भ और राज्य के अन्य क्षेत्रों में भारी बारिश ने बांधों में पानी के भंडार को बढ़ा दिया है और कई छोटे जलाशयों में पानी भर गया है.


आंकड़ों में कहा गया है कि जून का महीना ज्यादातर बारिश के केवल कुछ समय के साथ शुष्क रहा, लेकिन जुलाई के पिछले एक सप्ताह में बारिश की तीव्रता में वृद्धि हुई, जिससे पानी के भंडार में 16 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई. जल संसाधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि चालू वर्ष और पिछले वर्षों के तुलनात्मक आंकड़ों से पता चलता है कि इस वर्ष पानी का भंडार न केवल अब तक अधिक है, बल्कि यह तेज गति से ऊपर चला गया है. पिछले एक सप्ताह में तीव्र बारिश इसके पीछे एकमात्र कारण है.


बारिश के पानी से भंडारण में हुई इतनी वृद्धि


आंकड़ों से संकेत मिलता है कि महाराष्ट्र में बांधों में इस साल 1 जुलाई को 24.07 प्रतिशत स्टॉक था, जबकि 2021 में 32.62 प्रतिशत था. पखवाड़े के दौरान हुई बारिश ने शुक्रवार को भंडारण को 53.73 प्रतिशत तक ले लिया. पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान जलाशय केवल 35.53 प्रतिशत ही भरे हुए थे. उन्होंने कहा, "इसका मतलब है कि पिछले साल की समान अवधि की तुलना में इस साल 1 जुलाई को पानी के भंडार के बीच का अंतर लगभग आठ प्रतिशत था, लेकिन बारिश के बाद का अंतर बढ़कर लगभग 18 प्रतिशत हो गया."


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ये बताते हैं IMD के आंकड़े


भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के आंकड़ों से पता चला है कि राज्य में अब तक की औसत मौसमी बारिश की तुलना में अधिक बारिश हुई है. आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में 15 जुलाई तक 489.3 मिमी औसत बारिश हुई है, जबकि 1 जून से इसके मौसमी औसत 367.7 मिमी दर्ज की गई थी. इसलिए राज्य में इस साल अब तक 133.1 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है. जल संसाधन विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 10 से 15 जुलाई के बीच बारिश की तीव्रता बहुत ज्यादा थी. बांधों में सामूहिक जल संग्रहण इस वर्ष 10 जुलाई को 33.3 प्रतिशत था, जबकि पिछले वर्ष की इसी तारीख में 32.96 प्रतिशत दर्ज किया गया था.


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