Maharashtra-Karnataka Border Dispute: महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा पर गांवों के दावों को लेकर राज्य विधानसभा के दोनों सदनों द्वारा सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया गया. इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने बीते शुक्रवार को वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन को राज्य नियुक्त किया. ये सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार का पक्ष रखेंगे. विपक्ष के नेता अजीत पवार ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक का पक्ष पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी रखेंगे.
ऐसे में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे को महाराष्ट्र सरकार के लिए उपस्थित होना उचित होगा. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमें अभी साल्वे की सेवाएं लेने के बारे में फैसला लेना है. सभी राजनीतिक दलों की पिछली बैठक में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आश्वासन दिया था कि वह साल्वे के साथ व्यक्तिगत रूप से बात करेंगे. टाइम्स आफ इंडिया को बताया गया कि उन्हें राज्य के लिए पेश होने के लिए राजी किया जाएगा.
जानिये वकील का फीस
प्रशासन द्वारा जारी एक आदेश के अनुसार वैद्यनाथन को सुप्रीम कोर्ट में एक उपस्थिति के लिए 15 लाख दिये जाएंगे. इसके साथ ही नई दिल्ली के बाहर सम्मेलन के लिए 15 लाख रुपये, 2.5 लाख रुपये प्रति माह रिटेनर फीस, नई दिल्ली में सम्मेलन के लिए 2 लाख रुपये का भुगतान किया जाएगा. यह फीस 18 नवंबर, 2022 से लागू होगी. अधिकारी ने बताया कि यह मामला 23 नवंबर के लिए लिस्टेड किया गया था, हालांकि, कर्नाटक सरकार द्वारा प्रस्तुत एक आवेदन के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था.
गृह मंत्री अमित शाह कर चुके हैं मीटिंग
महाराष्ट्र-कर्नाटक में आंदोलन के जोर पकड़ने के बाद बड़े पैमाने पर हिंसा हो रही थी. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विवाद को सुलझाने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी. इसमें सीएम शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और कर्नाटक के सीएम बसवराज बोम्मई शामिल हुए थे. इस मीटिंग में इस बात पर सहमति बनी कि दोनों पक्ष स्थिति को कंट्रोल में रखेंगे और हिंसा नहीं होने देंगे.