Mumbai News: मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड बुलेट ट्रेन के लिए महाराष्ट्र में जमीन अधिग्रहण का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है, जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अधिकारियों को 30 सितंबर तक इस काम को पूरा करने के सख्त निर्देश दिये थे. केंद्र और पूर्ववर्ती महाविकास अघाड़ी सरकार के बीच की तनातनी ने पहले भी प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को धीमा कर दिया था और अब जब केंद्र और राज्य के बीच कोई तनातनी नहीं है तो अधिकारी इस काम में लेटलतीफी कर रहे हैं.
मोदी-शिंदे सरकार का महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट
बता दें कि बुलेट ट्रेन परियोजना नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार और महाराष्ट्र की शिदे-फडणवीस सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है लिहाजा वे इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की लगातार निगरानी कर रहे हैं. परियोजना के लिए ज्यादातर जमीन महाराष्ट्र के पालघर और गुजरात में अधिग्रहित की जानी है.
जमीन अधिग्रहण को लेकर क्या बोले पालघर डीएम
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में पालघर के जिला कलेक्टर गोविंद बोडके ने कहा कि हमें पालघर में 191 हेक्टेयर निजी भूमि, 60 हेक्टेयर सरकारी भूमि और लगभग 70 हेक्टेयर वन भूमि का अधिग्रहण करना था. कुल 95 फीसदी अधिग्रहण पूरा हो चुका है, बाकी हम एक महीने में पूरा कर लेंगे. वहीं ठाणे के जिला कलेक्टर राजेश नार्वेकर ने कहा कि भिवंडी में भी चार हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव बाद में राज्य प्रशासन को भेजा गया था.
बीकेसी पर खत्म होगा बुलेट ट्रेन का रूट
मुंबई में बुलेट ट्रेन का रूट बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) पर खत्म होगा. वहीं मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के आयुक्त एस वी आर श्रीनिवास ने कहा कि उन्होंने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया काफी पहले पूरी कर ली है.
3 घंटे में पूरा होगा मुंबई-अहमदाबाद के बीच का सफर
बताया जा रहा है कि इस बुलेट ट्रेन परियोजना के निर्माण से मुंबई-अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर का सफर मात्र 2 घंटे 58 मिनट में पूरा जो जाएगा. इस परियोजना के 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है. पहले इस परियोजना को 2022 तक पूरा किया जाना था लेकिन जमीन अधिग्रहण का काम पूरा नहीं हो पाने के कारण यह पूरा नहीं हो सका. इस प्रोजेक्ट का निर्माण नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) कर रहा है.
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