Maharashtra News: कोरोना काल के बाद से हार्ट अटैक के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है. अधिकतर कोई न कोई व्यक्ति हार्ट अटैक का शिकार हो रहा है. इस बीच महाराष्ट्र के नागपुर से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है. यहां शनिवार (17 अगस्त) को एक जिला अदालत में दीवानी मामले पर बहस कर रहे वकील की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई.


बताया जा रहा है कि बहस के दौरान वकील तलत इकबाल कुरैशी की तबीयत बिगड़ने पर न्यायाधीश एसबी पवार तुरंत उन्हें अपनी निजी कार से अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इकबाल कुरैशी को बचाया नहीं जा सका. वहीं इस घटना के बाद वकीलों में नाराजगी है कि मेडिकल सुविधाएं अदालत में क्यों नहीं हैं?


बेंच से गिरे नीचे
जानकारी के अनुसार, शनिवार सुबह कुरैशी जिला अदालत पहुंचे. उन्हें 7वें मंजिल पर स्थित सीनियर डिवीजन सिविल जज एसबी पवार की अदालत में जिरह करना था. अपनी प्राथमिक जिरह करने के बाद कुरैशी ने कोर्ट को साइटेशन जारी करने की जानकारी दी और बेंच पर बैठ गए. वहीं जब विपक्ष के वकील अपना पक्ष रख रहे थे तभी कुरैशी बेंच से नीचे गिर गए.


इस दौरान उन्हें बेहोश देख न्यायाधीश पवार तुरंत अपनी सीट से नीचे उतरे और बिना समय गवाएं वकील को अपनी कार से नजदीकी अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बताया जा रहा है कि कोरोना के कारण कुरैशी की पत्नी की मृत्यु हो गई थी, तब से वह अकेले ही रहते थे. दोनों बेटियों का विवाह हो चुका है. इस घटना से पूरे न्यायालय का माहौल है.


वहीं डीबीए की पूर्व अध्यक्ष कमल सतुजा ने बताया कि जिला न्यायालय परिसर में हर रोज 8,000 वकील काम करने आते हैं. बहुत बड़ी संख्या में न्यायालय का स्टाफ भी है. अपने मामलों के लिए 30 से 40 हजार लोग रोजाना कोर्ट आते हैं. ऐसे में यहां एम्बुलेंस और प्राथमिक मेडिकल की सुविधा होनी चाहिए. सरकार को यहां प्राथमिक मेडिकल की सुविधा उपलब्ध करवानी चाहिए.  



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