Maharashtra News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि विपक्षी दलों के मन में ''विदर्भ के लिए कोई प्यार नहीं बचा'' है, क्योंकि वे क्षेत्र के नागपुर शहर में चल रहे विधानसभा सत्र के दौरान विदर्भ के मुद्दों को नहीं उठा रहे हैं. मराठवाड़ा क्षेत्र के औरंगाबाद हवाई अड्डे पर शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार आम लोगों के लिए काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी.
चल रहा है महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र?
महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र इस समय नागपुर में चल रहा है और विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर राज्य सरकार को निशाना बना रहा है. बिजली उत्पादक और खनिजों और वन से समृद्ध विदर्भ क्षेत्र में यवतमाल, अकोला, अमरावती, वर्धा, बुलढाणा, वाशिम, नागपुर, चंद्रपुर, भंडारा, गढ़चिरौली और गोंदिया जैसे 11 जिले शामिल हैं.
इस क्षेत्र ने चार मुख्यमंत्री दिए हैं, जिनमें वसंतराव नाइक, मरोतराव कन्नमवार, सुधाकरराव नाईक और देवेंद्र फडणवीस शामिल हैं. एक सवाल के जवाब में शिंदे ने रविवार को कहा, ''विपक्ष को विदर्भ के मुद्दों के बारे में बोलना चाहिए था और क्षेत्र से संबंधित सवालों को उठाना चाहिए था. उनके मन में विदर्भ के लिए कोई प्यार नहीं बचा है. यह अब उनके कार्यों से दिखाई दे रहा है.''
क्या कहा सीएम ने?
मुख्यमंत्री औरंगाबाद में एक गैर-सरकारी संगठन 'नानासाहेब धर्माधिकारी प्रतिष्ठान' द्वारा आयोजित स्वच्छता अभियान को संबोधित कर रहे थे. स्वच्छता अभियान के बाद एक सभा के दौरान मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, ''हमारी सरकार आम लोगों की उम्मीदों पर आधारित है और यह उनके लिए काम करेगी. नानासाहेब धर्माधिकारी प्रतिष्ठान का काम सराहनीय है और देश में लोगों को एक अच्छी दिशा दे रहा है.''
विपक्ष ने लगाया आरोप
वहीं महाराष्ट्र में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेताओं ने शुक्रवार को विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही का बहिष्कार किया. विधान भवन परिसर में राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट करते हुए उस पर विधानसभा और विधान परिषद में बोलने का मौका नहीं देने का आरोप लगाया. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट और कांग्रेस के गठबंधन एमवीए के नेताओं ने गुरुवार को विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी के लिए राकांपा के वरिष्ठ विधायक जयंत पाटिल को निलंबित किए जाने की निंदा की.