Monsoon Session of Maharashtra Legislature: महाराष्ट्र में आज (17 जुलाई) से विधानमंडल का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. इस मानसून उत्सव की पूर्व संध्या पर एक चाय समारोह आयोजित किया गया था. विपक्ष ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया. परंपरा के मुताबिक विपक्ष ने सरकार को पत्र भेजा है. इसे लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विपक्ष की आलोचना की है. उन्होंने कहा है कि विरोधी बर्बाद हो गये हैं. वह उपमुख्यमंत्री अजित पवार और देवेंद्र फड़णवीस के साथ जॉइंट प्रेस कांफ्रेंस में बोल रहे थे.


एकनाथ शिंदे का विपक्ष पर निशाना
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आलोचना करते हुए कहा कि, “विपक्ष ने चाय पार्टी का बहिष्कार किया है. हालांकि, विपक्षी दल एकजुटता के साथ राज्य की समस्याओं का समाधान कैसे निकालेंगे, इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. लेकिन, उन्होंने जो पत्र भेजा है वह पिछले सप्ताह के पत्र जैसा है. विपक्ष भ्रमित नजर आ रहा है. यह विपक्षी दल है जो विश्वास खो चुका है.'


'मैं किसी का अपमान नहीं कर रहा हूं'
उन्होंने कहा, ''मैं किसी को कम नहीं आंक रहा हूं. हमारे काम की प्रगति और गति को देखकर अजित पवार ने हमारा समर्थन किया, तब से ऐसा ही है. आज 210 से ज्यादा विधायक सरकार के साथ हैं. हालांकि, विधानसभा परिसर में विपक्षी दल के अधिकार, राज्य की आम जनता के मुद्दों को पढ़ा जाना चाहिए और चर्चा की जानी चाहिए. विपक्षी दल से यही सब अपेक्षित है. लेकिन आज, दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ.


विपक्ष से पूछा ये सवाल
उन्होंने कहा, ''विधानसभा कक्ष में जो मुद्दे उठाएंगे, ध्यान दिलाएंगे, जनता के मुद्दे उठाएंगे, उन्हें न्याय देने का काम हम करेंगे.'' अजित पवार ने कहा, विपक्ष का काम वहां अच्छा कहना है जहां सरकार अच्छा कर रही है. हम तीनों विपक्ष के नेता थे. हमारे पास सभी अनुभवी लोग हैं. हमने विपक्ष का विरोध नहीं किया. बालासाहेब ने क्या सिखाया, अच्छे को अच्छा कहो. हमने वो किया. अच्छे को अच्छा कहने का भाव होना चाहिए, सिर्फ विपरीत का विरोध करने का नहीं. जहां सरकार गलत है, वहां जवाब देना विपक्षी दल की जिम्मेदारी है. लेकिन हमें यह पता लगाना होगा कि विपक्ष अब कहां है.' जो भी प्रश्न आएंगे उचित तरीके से न्याय किया जाएगा."


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