Maharashtra Local Body Poll: राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) द्वारा महाराष्ट्र के 17 जिलों में 92 नगर परिषदों और चार नगर पंचायतों में घोषित स्थानीय निकाय चुनावों को टाला जा सकता है. दरअसल सभी राजनीतिक दलों की इस बात पर सर्वसम्मति हो सकती है कि चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना नहीं होने चाहिए. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से मुलाकात की और उनसे स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में राज्य के मामले का प्रतिनिधित्व करने का अनुरोध किया.


सीएम शिंदे ने कही ये बात


शिंदे ने कहा कि हम राज्य चुनाव आयोग से चुनाव स्थगित करने का अनुरोध करने जा रहे हैं क्योंकि महाराष्ट्र के कई हिस्सों में बाढ़ के बाद स्थिति अनुकूल नहीं है." हम (शिंदे और फडणवीस) दिल्ली में तुषार मेहता से मिले. हमने उनसे ओबीसी मामले में राज्य का प्रतिनिधित्व करने का अनुरोध किया था.” राज्य चुनाव आयोग ने शुक्रवार को स्थानीय निकाय चुनावों की घोषणा की थी, जिसके अनुसार 18 अगस्त को चुनाव होने हैं और परिणाम 19 अगस्त को घोषित किए जाएंगे. कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और भाजपा नेताओं ने ओबीसी कोटे के बिना चुनाव कराने पर कड़ी आपत्ति जताई है. बीजेपी की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव ओबीसी कोटे के बिना होने चाहिए."


पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण को खत्म कर दिया था. शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को ट्रिपल टेस्ट का पालन करने का निर्देश दिया, जिसमें एक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन, अनुभवजन्य डेटा एकत्र करना और यह सुनिश्चित करना कि कुल आरक्षण 50 प्रतिशत की सीमा को पार नहीं करता है. शर्तें पूरी न होने के कारण ओबीसी कोटा बहाल करने की प्रक्रिया ठप पड़ी है.


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एनसीपी ने लगाया ये आरोप


एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने कहा कि ओबीसी कोटा लागू किए बिना कोई भी चुनाव ओबीसी के साथ घोर अन्याय होगा. केंद्र और राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ओबीसी आरक्षण जल्द से जल्द बहाल हो, जैसा कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में किया गया था. महाराष्ट्र एनसीपी प्रमुख जयंत पाटिल ने कहा कि हम राज्य सरकार से ओबीसी कोटा बहाल होने तक चुनाव रद्द करने का आग्रह करते हैं."


कांग्रेस ने की ये मांग 


महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि नवनिर्वाचित भाजपा-शिंदे खेमे की गठबंधन सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ओबीसी कोटे के बिना कोई चुनाव न हो." पटोले ने राज्य में ओबीसी कोटा बहाल करने के लिए पर्याप्त नहीं करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को दोषी ठहराया.


इससे पूर्व, भाजपा के वरिष्ठ महासचिव चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा, “महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को यह बताना चाहिए कि वह स्थानीय निकायों में ओबीसी कोटा बनाए रखने में विफल क्यों रही. पिछले 2.5 वर्षों के एमवीए शासन में, उन्होंने ओबीसी कोटा को बचाने या बहाल करने के लिए कुछ नहीं किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अपनी गलतियों को छिपाने के लिए केंद्र पर उंगली उठाने की आदत है.


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