Maharashtra Election Result 2024: सिर्फ 48 वोटों से ये सीट हारी उद्धव सेना, EVM में एक वोट से आगे थे लेकिन बैलट पेपर से मिली शिकस्त
Maharashtra Lok Sabha Chunav Result 2024: शिवसेना (शिंदे गुट) के रविंद्र वायकर ने मुंबई नॉर्थ वेस्ट सीट से जीत हासिल की है. यहां उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार को मात्र 48 वोटों से हराया है.

Maharashtra Lok Sabha Elections Result 2024: लोकसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार (4 जून) को गए हैं. इस बीच महाराष्ट्र की मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट से शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के उम्मीदवार रविंद्र दत्ताराम वायकर (Ravindra Waikar) ने सिर्फ 48 वोटों से जीत दर्ज की है. 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत का यह सबसे छोटा मार्जिन है.
गौरतलब है कि एक समय ऐसा था, जब अमोल कीर्तिकर एक वोट से रविंद्र वायकर से आगे थे. लेकिन, 26 राउंड की गिनती के बाद हुई रीकाउंटिंग और इनवैलिड पोस्टल वोट के वेरिफिकेशन के बाद रविंद्र वायकर ने अमोल कीर्तिकर को 48 वोट से हरा दिया. पहले अमोल कीर्तिकर 681 वोटों से जीते थे, लेकिन इस जीत पर आपत्ति जताते हुए रविंद्र वायकर ने दोबारा वोट गिनने की मांग की.
रीकाउंटिंग में रविंद्र वायकर 75 वोटों से आगे हो गए. इस बार अमोल कीर्तिकर ने आपत्ति जताई, फिर डाक मतों की गिनती की गई. कुल 3049 पोस्टल वोटिंग हुई थी. इसमें अमोल कीर्तिकर को 1500 वोट मिले, जबकि रविंद्र वायकर को 1549 वोट हासिल हुए. काउंटिंग के दौरान 111 पोस्टल वोट खारिज कर दिए गए थे.
अमोल कीर्तिकर को कितने वोट मिले?
चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक रविंद्र वायकर को मुंबई नॉर्थ वेस्ट लोकसभा सीट से 4,52,644 लाख वोट मिले हैं. वहीं इस सीट पर उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार अमोल कीर्तिकर को 4,52,596 वोट मिले हैं.
अमोल कीर्तिकर 2019 के विधानसभा चुनाव में गोरेगांव से चुनाव हार चुके हैं. खास बात यह है कि अमोल को उनके पिता मौजूदा सांसद गजानन कीर्तिकर का ही साथ नहीं मिला. सांसद गजानन कीर्तिकर शिवसेना में टूट के बाद एकनाथ शिंदे गुट में आ गए थे, जबकि उनका बेटा उद्धव ठाकरे के गुट में है.
2019 लोकसभा चुनाव के आंकड़े
साल 2019 में मुंबई नार्थ वेस्ट लोकसभा में कुल 21 उम्मीदवार मैदान में थे, लेकिन यहां मुख्य मुकाबला शिवसेना और कांग्रेस के बीच हुआ. इस सीट पर 2019 लोकसभा चुनाव में शिवसेना के गजानन चंद्रकांत कीर्तिकर ने दोबारा जीत हासिल की. उन्हें 5,70,063 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस पार्टी के संजय निरुपम 3,09,735 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे थे.
वहीं इस बार शिवसेना यूबीटी की तरफ से जब इस सीट से अमोल कीर्तिकर के नाम का ऐलान किया गया था, तो कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने विरोध में मोर्चा खोल दिया था. इसके बाद पार्टी को अल्टीमेटम दिया, लेकिन जब यह सीट महाविकास आघाड़ी में शिवसेना यूबीटी के पास चली गई तो निरुपम ने पार्टी छोड़ दी.
राजनीतिक इतिहास की बात करें तो 1967 से 1977 तक ये सीट कांग्रेस के खाते में रही. इसके बाद फेमस वकील राम जेठमलानी पहले जनता पार्टी फिर बीजेपी से यहां के सांसद बने. इसके बाद फिर 1984 से 1996 तक कांग्रेस के सांसद और फिल्म अभिनेता सुनील दत्त यहां से सांसद रहें. 1996 और 1998 में शिवसेना को भी यहां से जीत मिली, लेकिन 1999 में फिर से ये सीट सुनील दत्त के पास आ गई. 2005 में सुनील दत्त की मौत के बाद हुए उपचुनाव में सुनील दत्त की बेटी प्रिया दत्त यहां से संसद बनी थीं.
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