Lok Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटों पर 4 जून को नतीजे घोषित किए जाएंगे. इस बीच एबीपी-सी वोटर एग्जिट पोल के मुताबिक, महाराष्ट्र में एससी, एसटी और मुस्लिम, इंडिया की बड़ी ताकत बने हैं. कुनबी और मराठा वोटर इंडिया गठबंधन के पास रहने का अनुमान है. वहीं, ओबीसी हिंदू और सवर्ण जातियों का सबसे अधिक वोट बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को जाता दिखाई पड़ रहा है.
एबीपी सी वोटर के एग्जिट पोल की मानें तो महाराष्ट्र में हिंदू ओबीसी में 53.5 फीसदी वोटर्स ने बीजेपी और उनके सहयोगियों को वोट किया. वहीं, ओबीसी हिंदू वोटर्स में 40.5 फीसदी ने कांग्रेस और उनके सहयोगियों को वोट किया. इस समुदाय में अन्य पार्टियों को वोट करने वालों में 6.1 फीसदी वोटर्स शामिल हैं.
महाराष्ट्र में किस जाति ने किसे दिया वोट?
हिंदू में दलितों का झुकाव इंडिया गठबंधन की तरफ रहा. हिंदू में एससी या दलितों का 33.3 फीसदी वोट बीजेपी और उसके सहयोगियों को गया, जबकि 46.3 फीसदी वोट कांग्रेस और गठबंधन के साथियों को मिला. जबकि इस समुदाय के 20.5 फीसदी लोगों ने अन्य दलों को वोट किया. आदिवासियों का 42.7 फीसदी वोट एनडीए को गया, जबकि 49.9 फीसदी वोट इंडिया गठबंधन के पास गया.
सर्वे में अनुमान के मुताबिक हिंदू सवर्ण का सबसे अधिक वोट बीजेपी और उसके सहयोगियों को 48.1 फीसदी गया. वहीं इस समुदाय के 45.8 फीसदी वोटर्स ने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया.
मुस्लिम, जैन और बौद्ध ने किसे दिया वोट?
महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव में मुस्लिम और बौद्ध का झुकाव इंडिया गठबंधन की तरफ रहा. जबकि जैन का झुकाव एनडीए के प्रति रहा. सर्वे के अनुमान के मुताबिक महाराष्ट्र में मुस्लिम में 78.8 फीसदी वोटर्स ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों को वोट किया. वहीं, राज्य में 12.1 फीसदी मुस्लिम वोटर्स बीजेपी और उसके सहयोगियों को वोट किया. इसके अलावा बौद्ध धर्म को मानने वाले 51.7 फीसदी लोगों ने इंडिया गठबंधन को जबकि 25.3 फीसदी ने एनडीए को वोट किया. वहीं, जैन समुदाय की बात करें तो 53.1 फीसदी वोटर्स ने एनडीए को जबकि 38 फीसदी वोटर्स ने इंडिया गठबंधन और करीब 9 फीसदी ने दूसरे दलों को वोट किया.
एग्जिट पोल में किसे कितनी सीटें?
महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं. एबीपी सी वोटर सर्वे एग्जिट पोल के मुताबिक महाराष्ट्र में एनडीए को 22-26 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं, इंडिया गठबंधन के खाते में 23-25 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है. वहीं, अन्य पार्टियों के खाते में एक भी सीट जाती नहीं दिख रही है. बहरहाल चुनाव आयोग की ओर से 4 जून को नतीजे घोषित होने के बाद पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी.