(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
MVA Protest March: महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ विपक्ष का विरोध मार्च, उद्धव ठाकरे सहित ये बड़े नेता हुए शामिल
Mumbai News: विपक्षी महा विकास अघाड़ी के जरिये निकाले जा रहे विरोध जुलूस में छत्रपति शिवाजी महाराज पर टिप्पणी को लेकर राज्यपाल को हटाने और महाराष्ट्र-कर्नाटक विवाद मुख्य मुद्दे हैं.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray), महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले (Nana Patole), NCP नेता अजीत पवार (Ajit Pawar) छत्रपति शिवाजी महाराज पर विवादित टिप्पणी को लेकर एकनाथ शिंदे सरकार व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ निकाले गए विरोध मार्च में शामिल हुए.
दरअसल, महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) ने छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान करने के लिए एकनाथ शिंदे सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध मार्च की घोषणा की थी. इसके साथ ही एमवीए द्वारा महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को भी अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की जा रही है.
#WATCH मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व CM उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, NCP नेता अजीत पवार छत्रपति शिवाजी महाराज पर विवादित टिप्पणी को लेकर एकनाथ शिंदे सरकार व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के खिलाफ निकाले गए विरोध मार्च में शामिल हुए। pic.twitter.com/4CyAAXb31k
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 17, 2022
क्या है पूरा मामला
कुछ दिनों पहले राज्यपाल ने डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को आज के युग का नया आदर्श बताया था. राज्यपाल कोश्यारी ने कहा कि शिवाजी महाराज तो पुराने युग की बात हो गए, नए युग में आपको बाबासाहेब अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक आदर्श यहीं मिल जाएंगे. इस बयान ने बड़े पैमाने पर हंगामा खड़ा कर दिया और मराठा संगठनों और विपक्षी नेताओं से समान रूप से निंदा की थी.
इन मुद्दों पर हो रहा विरोध
जुलूस के लिए कांग्रेस समन्वयक आरिफ नसीम खान ने कहा, विरोध के मुख्य बिंदु महान हस्तियों का लगातार अपमान, उनकी हालिया टिप्पणी के लिए राज्यपाल को हटाने, गुजरात में उद्योगों की उड़ान, महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर होगा. उन्होंने कहा कि मार्च करने वाले जनता द्वारा झेली जा रही भारी महंगाई, बढ़ती बेरोजगारी के आंकड़े, युवाओं के लिए नौकरियों की कमी, सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ मंत्रियों द्वारा महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक बयान और अन्य ज्वलंत मुद्दों का मुद्दा भी उठाएंगे.