Mumbai News: महाराष्ट्र के कोंकण तट पर रविवार से भारी बारिश के बाद कई नदियां, खासकर रत्नागिरी जिले में, खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. जिससे निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है. खेड़ तहसील में जगबुड़ी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिससे इलाके के निवासियों को खाली करने का निर्देश दिया गया है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के एक अधिकारी के अनुसार, एनडीआरएफ ने कोंकण क्षेत्र के चिपलून में डॉग स्क्वायड के साथ अपनी टीम को तैनात किया है. स्थानीय प्रशासन ने बताया कि जगबुडी, वशिष्ठी, शास्त्री, सोनावी, काजली, कोडावली, मुचकुंडी और बावनदी नदियां सोमवार सुबह से अपने-अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.


भारी बारिश की है संभावना
कम दबाव का क्षेत्र बनने और मानसून के प्रवाह को तेज होने के प्रभाव में, पश्चिमी तट पर भारी वर्षा होने की संभावना है, इसलिए, रायगढ़ में वशिष्ठी और तेरेखोल टिल्लारी के उप-घाटियों के नदी जल स्तर में वृद्धि के लिए अलर्ट रखा जा सकता है. वास्तव में, सीडब्ल्यूसी की एडवाइजरी में उत्तर में पालघर से लेकर दक्षिण कोंकण के सिंधुदुर्ग तक पूरे कोंकण बेल्ट के लिए चेतावनी थी कि लगातार बारिश की स्थिति के कारण, इस क्षेत्र में सतही प्रवाह बढ़ गया है, इसलिए अधिक सतर्क रहना होगा.


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जारी किया गया ऑरेंज अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग की ओर से अगले पांच दिन के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किये जाने के बाद महाराष्ट्र के कोंकण में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की दो टीमों को तैनात किया गया है . अधिकारी ने बताया कि एनडीआरएफ की एक टीम को रत्नागिरी जिले के चिपलून में जबकि दूसरी टीम को रायगढ़ जिले के महाड में तैनात किया गया है . मौसम विभाग ने चार जुलाई से आठ जुलाई के बीच अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी करते हुए, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किये हैं.


ठाणे जिले में जारी किया गया ऑरेंज अलर्ट
विभाग ने मुंबई और ठाणे जिलों के लिए अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश और अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी करते हुए येलो अलर्ट जारी किया है. इसने अगले दो दिनों के लिए पालघर जिले के लिए येलो अलर्ट और उसके बाद तीन दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है. महाराष्ट्र में एनडीआरएफ की आठ टीमें तैनात की गयी है, इनमें से एक-एक टीम नागपुर, चिपलून और महाड में तैनात है, जबकि बाकी पांच टीमें मुंबई में हैं. अधिकारी ने बताया कि इन टीमों को स्थानीय प्रशासन के परामर्श से उपरोक्त स्थानों पर तैनात किया गया है . चिपलून और महाड में लोगों को पिछले साल भयंकर बाढ़ का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद अधिकारियों को राहत और बचाव अभियान शुरू करना पड़ा.


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