Manoj Jarange on Maratha Reservation: मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने सोमवार (13 नवंबर) को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कार्यकर्ताओं पर राजनीतिक नेताओं के प्रवेश को रोकने के लिए एक गांव के बाहर मराठा समर्थकों द्वारा लगाए गए बैनर को फाड़ने का आरोप लगाया. जालना जिले के भोकरदन तहसील के बोरेगांव जहांगीर गांव में रविवार (12 नवंबर) को उस समय झड़प हो गई, जब बीजेपी कार्यकर्ताओं ने मराठा आरक्षण के समर्थकों द्वारा राजनीतिक नेताओं का गांव में प्रवेश प्रतिबंधित करने के लिए लगाए गए बैनरों को कथित रूप से फाड़ दिया.
भोकरदन तहसील बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे का गृह नगर है. अंतरवाली सराटी गांव पहुंचने के बाद मीडिया से बात करते हुए मनोज जरांगे ने कहा, ''अगर वे हमारे पोस्टर फाड़ेंगे तो हम उनके कपड़े फाड़ देंगे. लेकिन मैंने समर्थकों से कहा है कि वे शांति बनाएं रखें और संयम रखें.'' मनोज जरांगे को छत्रपति संभाजीनगर के एक अस्पताल में 12 दिन तक भर्ती रहने के बाद छुट्टी दे दी गई है. इस दौरान मनोज जरांगे ने कहा कि उन्होंने गांवों में नेताओं के प्रवेश पर प्रतिबंध हटाने के लिए कहा है, क्योंकि राज्य सरकार ने आरक्षण मुद्दे को हल करने के लिए दो महीने का समय मांगा है.
'वे बैनर फाड़ेंगे, तो हम उनके कपड़े फाड़ देंगे'
मनोज जरांगे ने कहा कि प्रतिबंध हटाने के संबंध में निर्णय आखिर में गांवों को लेना है और वह उनके फैसले का समर्थन करते हैं. उन्होंने कहा, ''मैं समुदाय के खिलाफ नहीं जाऊंगा. अगर वे बैनर फाड़ेंगे, तो हम उनके कपड़े फाड़ देंगे. मराठा समुदाय ने उन्हें बड़ा (राजनीतिक नेता) बनाया है, लेकिन उन्होंने समुदाय के लिए कुछ नहीं किया. वे हमारे गांवों में क्यों आ रहे हैं?'' मनोज जरांगे ने मराठों को कुनबी जाति के प्रमाण पत्र जारी करने के राज्य सरकार के कदम पर संतोष व्यक्त किया.
मराठा आरक्षण को लेकर जरांगे ने जताई ये उम्मीद
दरअसल, मनोज जरांगे की मांगों में मराठों को कुनबी जाति का प्रमाण पत्र देना भी शामिल है, ताकि उन्हें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणी के तहत आरक्षण मिल सके. मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने कहा कि वह अपने राज्यव्यापी दौरे के तीसरे चरण की शुरुआत 15 नवंबर से करेंगे, जो 25 नवंबर तक चलेगा. उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए 24 दिसंबर तक कानून बना देगी.
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