Maharashtra: मराठवाड़ा में बारिश का असर, 8 बांधों का जल संग्रहण अधिकतम सीमा पर पहुंचा, ये नाम हैं शामिल
Maharashtra News: महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में हुई बारिश से कई नदियों का पानी उफन पर है और इसी वजह से मराठवाड़ा क्षेत्र के 11 प्रमुख बांधों में से आठ की जल स्टोरेज क्षमता अधिकतम सीमा पर है.
Marathwada Dam News: महाराष्ट्र के मराठवाड़ा (Marathwada) में इस बार की बारिश (Rain) का सीधा असर बांधों पर देखने को मिल रहा है. यहां के 8 बांध इस समय अपने अधिकतम जल स्टोरेज क्षमता (Water Storage Capacity) तक पहुंच गए हैं. इनका जलस्तर काफी बढ़ा हुआ है. इसे लेकर एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि कि महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र के 11 प्रमुख बांधों में से आठ बांध अब अधिकतम जल स्टोरेज क्षमता तक पहुंच गए हैं, जबकि 11 बांधों का कुल प्रतिशत 97.98 प्रतिशत है.
इन बांधों का जल स्टोरेज अधिकतम क्षमता तक पहुंचा
अधिकारी ने बताया कि जयकवाड़ी, येलदारी, सिद्धेश्वर, मजलगांव, पेंगंगा, मनार, विष्णुपुरी और सीना कोलेगांव परियोजनाओं में अधिकतम जल स्टोरेज क्षमता पहुंच गई है. जबकि दुधना में यह 75.05 प्रतिशत, मंजारा में 85.71 प्रतिशत और निम्ना तेरना में 98.46 प्रतिशत है. इसके अलावा इस क्षेत्र के आठ जिलों में 75 मीडियम प्रोजेक्ट हैं जिसमें 91.27 प्रतिशत पानी और छोटे प्रोजेक्ट में इस समय 75.78 प्रतिशत पानी है. मराठवाड़ा में 679 मिलीमीटर की वार्षिक औसत बारिश के मुकाबले इस मानसून में अब तक इस क्षेत्र में 840 मिलीमीटर बारिश हुई है जो औसत बारिश का 123.62 प्रतिशत है.
मराठवाड़ा के इन इलाकों में भारी बारिश
वहीं राजस्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, नांदेड़ में 1118.6 मिमी, हिंगोली (992.4 मिमी), जालना (843.8 मिमी), लातूर (802.9 मिमी), औरंगाबाद (728.2 मिमी), उस्मानाबाद (723.1 मिमी), बीड (712.2 मिमी) और परभणी (700.4 मिमी) बारिश दर्ज की गई है. इस बारिश की वजह से ही बांधों में जल स्टोरेज क्षमता बढ़ी हुई दिखाई दे रही है. बता दें कि पिछले दिनों महाराष्ट्र में हुई बारिश से कई इलाकों में पानी भरा था. इस दौरान मुंबई के कई इलाकों में भी जलभराव देखने को मिला था, जिसमें हिंद माता, सायन, कुर्ला और अंधेरी शामिल था. इन इलाकों में दो फीट तक पानी सड़कों पर भरा रहा और इस पानी को निकालने के लिए बीएमसी की टीम जुटी.