Anger Among BJP Allies Over MLC Ticket: शिव संग्राम पार्टी के प्रमुख विनायक मेटे ने बुधवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) को अपने सहयोगियों के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए. मेटे की यह टिप्पणी तब आई है जब महाराष्ट्र विधान परिषद चुनावों के लिए बीजेपी ने उन्हें फिर से उम्मीदवार नहीं बनाया है. 2016 में बीजेपी कोटे से एमएलसी के रूप में निर्विरोध चुने गए मेटे को अपने कार्यकाल के अंत में चुनाव लड़ने का एक और मौका मिलने की उम्मीद थी. हालांकि बीजेपी ने शिव संग्राम समेत अपने किसी सहयोगी को सीट नहीं दी.


विनायक मेटे ने जताई कड़ी नाराजगी


उन्होंने कहा, 'भाजपा को अपने सहयोगियों द्वारा उनमें किए गए भरोसे के साथ विश्वासघात नहीं करना चाहिए. आप सहयोगियों को हल्के में नहीं ले सकते. आपने अतीत में सहयोगियों की मदद मांगी थी और अब आप उन्हें दरकिनार करना चाहते हैं. यह भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं है.' विनायक मेटे ने आगे कहा कि “मैं भाजपा (राज्य) अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस से बात करूंगा. हम उनकी बात को समझना चाहेंगे...लेकिन अगर भाजपा अपने सहयोगियों को कोई महत्व नहीं दे रही है, तो इससे पता चलता है कि उसकी राजनीति किस ओर जा रही है. ऐसे में सहयोगी दलों को भी स्वतंत्र निर्णय लेने होंगे."


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20 जून हो महाराष्ट्र में 10 सीटों पर होना है एमएलसी चुनाव


बता दें कि मेटे के शिव संग्राम की राज्य विधानसभा में कोई सीट नहीं है. लेकिन मराठों के बीच मराठवाड़ा क्षेत्र के कुछ हिस्सों में उनकी पार्टी को चाहने वाले लोग हैं. बताते चलें कि बीजेपी ने बुधवार को आगामी 20 जून को महाराष्ट्र में होने वाले एमएलसी चुनावों के लिए प्रवीण दारेकर, राम शिंदे, श्रीकांत भारतीय, उमा खापरे और प्रसाद लाड को अपने पांच उम्मीदवारों के रूप में घोषित किया.


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