Maharashtra News: महाराष्ट्र में पांच सीटों पर विधान परिषद के चुनाव होने हैं. 30 जनवरी को होने वाले चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है. कांग्रेस (Congress) में हुई उठापटक के बाद जहां सुधीर तांबे ने पार्टी से मिली सीट को ठुकराते हुए आखरी दिन पर्चा भरने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद कांग्रेस ने बगावत करने वाले तांबे पिता-पुत्र को पार्टी से निलंबित (Suspended) कर दिया था. कांग्रेस से निलंबन के बाद सत्यजीत तांबे ने बीजेपी से समर्थन की मांग की थी. लेकिन बीजेपी उन्हें समर्थन देगी या नहीं इसको लेकर अभी सस्पेंस बना हुआ है.
नासिक में देखने को मिलेगा सियासी ड्रामा
सत्यजीत तांबे को बीजेपी के समर्थन को लेकर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर फैसले पर अभी सब नजरें टिकाए हुए है. वही इन सबके बीच स्वराज्य संगठन के निर्दलीय उम्मीदवार सुरेश पवार ने दावा किया है कि सीएम एकनाथ शिंदे और बीजेपी अपना समर्थन छत्रपति संभाजी महाराज के 'स्वराज्य संगठन' के उम्मीदवार को अपना समर्थन दे सकते है. इन्हीं सब उठापटक की वजह से नासिक विधान परिषद सीट (Nasik MLC Election) अब एक हॉट सीट मानी जा रही है. खबरें यह भी आ रही थी कि सत्यजीत तांबे ने जो अपनी पार्टी कांग्रेस में किया वो बीजेपी के इशारे पर हुआ लेकिन ऐसा हो था तो बीजेपी ने सत्यजीत तांबे को समर्थन क्यों नहीं किया अब ऐसे कई सवाल खड़े हो रहे है.
नासिक विधान परिषद की असली लड़ाई किसके बीच?
नासिक विधान परिषद चुनाव में माना जा रहा है कि असली लड़ाई सत्यजीत तांबे और शुभांगी पाटिल के बीच है. लेकिन सुरेश पवार के बयान से अब एक और कई सियासी मायने निकल रहे है. पवार ने सभी दलों से समर्थन की मांग की है. स्वराज्य संगठन के प्रवक्ता करण गायकर का कहना है कि छत्रपति संभाजी महाराज के जरिए बीजेपी और शिंदे गुट से बातचीत की गई है. लेकिन शिंदे-बीजेपी गठबधंन की तरफ से फिलहाल अभी तक किसी भी उम्मीदवार को औपचारिक रूप से समर्थन नहीं दिया गया है.
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