Maharashtra Politics: महाराष्ट्र विधान परिषद की 11 सीटों के लिए चुनाव की घोषणा कर दी गई है. इस चुनाव में विधायकों के टूटने का खतरा मंडरा रहा है. 11 विधान परिषद सीटों के लिए 12 जुलाई को मतदान हो रहा है. यह चुनाव इसलिए हो रहा है क्योंकि 11 पार्षदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, जिनमें बीजेपी के 4, कांग्रेस के 2, अजित पवार की एनसीपी का 1, एकनाथ शिंदे की शिवसेना का 1, उद्धव ठाकरे की शिवसेना का 1, राष्ट्रीय समाज पार्टी का 1 और 1 पार्षद शामिल हैं.
महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सदस्य हैं. लेकिन कुछ विधायकों का निधन हो चुका है. कुछ विधायक लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. इसलिए उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया. इन कारणों से विधानसभा की वर्तमान सदस्य संख्या 274 है.
कांग्रेस और बीजेपी की क्या होगी रणनीति?
मुंबई तक की रिपोर्ट के मुताबिक विधायकों की संख्या को देखते हुए बीजेपी और छोटे दल मिलकर पांच एमएलसी चुनवा सकते हैं. शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी को दो-दो उम्मीदवार मिल सकते हैं. कांग्रेस की ताकत 36 है. तो उनका एक उम्मीदवार आसानी से जीत जाएगा और उसके पास अधिक वोट होंगे. अगर कांग्रेस कोई अन्य उम्मीदवार खड़ा करती है तो उसे समान विचारधारा वाले छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों की मदद लेनी होगी.
उद्धव गुट की क्या है संभावना?
वहीं, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी एक-एक उम्मीदवार को निर्वाचित करा सकती है. अगर बीजेपी छठा उम्मीदवार उतारती है तो विधायकों के वोट बंट सकते हैं इसलिए चुनाव होगा तो बड़ी राजनीतिक घटनाएं होंगी. हाल ही में लोकसभा चुनाव हुए थे. इस चुनाव में महाराष्ट्र में नतीजे अलग रहे. लोगों ने सत्तारूढ़ महायुति के खिलाफ वोट किया.
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