Monsoon Session in Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले बुधवार को विपक्षी दलों ने खूब हंगामा किया. विपक्ष ने विधान भवन की सीढ़ियों पर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. विपक्ष के नेता अजित पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), कांग्रेस (Congress) और अन्य सहयोगी दलों के नेताओं ने किसानों के मुद्दों पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. विधायक आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) सहित उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली शिवसेना (Shiv Sena) के कुछ सदस्यों ने भी नारेबाजी में हिस्सा लिया.
सरकार ने किसानों की दुर्दशा को नजरअंदाज किया
कुछ विपक्षी सदस्यों को तख्तियां पकड़े हुए देखा गया. इन तख्तियों पर शिंदे, फडणवीस नीत सरकार की वैधता पर सवाल उठाए गए थे. दक्षिण मुंबई में राज्य विधान सभा परिसर की सीढ़ियों पर प्रदर्शन कर रहे विपक्षी दल के एक नेता ने कहा, इस सरकार ने उन किसानों की दुर्दशा को नजरअंदाज कर दिया है, जिन्होंने अधिक बारिश के कारण अपनी फसल खो दी थी. सरकार की वैधता भी संदेह के घेरे में है जिस पर कानूनी रूप से बहस की जा रही है.
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शिंदे नीत सरकार संवैधानिक नियमों के मुताबिक नहीं बनी
बुधवार 11 बजे से शुरू हुआ मानसून सत्र 25 अगस्त को समाप्त होगा. विपक्ष शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को निशाना बनाते हुए इसके असंवैधानिक होने का दावा कर रहा है. अजित पवार इससे पहले कह चुके हैं कि जिस तरह से सरकार सत्ता में आई है, यह हमारा सर्वसम्मत विचार है कि शिंदे नीत सरकार निर्धारित संवैधानिक नियमों के मुताबिक नहीं बनी है. इससे जुड़ी याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला लंबित है. सरकार को सभी लोकतांत्रिक मूल्यों और नियमों को ताक पर रखकर बनाया गया है. वहीं इन बातों के अलावा विपक्ष ने जुलाई और अगस्त में अधिक बारिश के कारण 15 लाख हेक्टेयर से अधिक भूमि की फसलों को हुए नुकसान का हवाला देते हुए राज्य सरकार से बाढ़ की स्थिति घोषित करने की मांग की है.
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