मुंबई: महाराष्ट्र राज्य की आर्थिक नगरी मुंबई (Mumbai) में बीएमसी (BMC) ने उन दुकानदारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है जिन्होंने अपनी दुकान पर मराठी (Marathi) भाषा में बोर्ड नहीं लगाए हैं. दरअसल दुकानों पर मराठी भाषा का बोर्ड लगवाना मुंबई में दुकानदारों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है.ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ बीएमसी एक्शन लेगी. इतना ही नहीं मराठी के बजाय अन्य किसी भाषा का फॉन्ट साइज बड़ा दिखा तो भी दुकानदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
मराठी बोर्ड को लेकर बीएमसी का क्या कहना है?
इस संबंध में बीएमसी लाइसेंस डिपार्टमेंट के मुताबिक, “ मुंबई के सभी 24 वार्डों में दुकानों पर मराठी भाषा का बोर्ड न लगाने वालों पर कार्रवाई करने के लिए 2-2 अधिकारियों की टीम नियुक्त की गई थी. लेकिन अब इस कार्रवाई में तेजी लाने के लिए 5-5 अधिकारियों की टीमें बनाई जाएंगी. कुल 120 अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमों द्वारा मराठी में दुकान पर बोर्ड न लगाने वाले दुकानदारों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.”
सबसे पहले मुख्य सड़कों की दुकानों के बोर्डों की होगी चेकिंग
बीएमसी के एक अधिकारी ने ज्यादा जानकारी देते हुए बताया कि, “ इस अभियान के तहत सबसे पहले मुख्य सड़कों पर बनी दुकानों पर, इसके बाद छोटी सड़कों और आखिर में गलियों की दुकानों के बोर्ड की जांच की जाएगी. बोर्ड पर मराठी की जगह दूसरी भाषा का फॉन्ट दिखने पर कार्रवाई की जाएगी.
बीएमसी के फरमान से दुकानदारों की परेशान बढ़ेगी
वहीं बीएमसी के इस फरमान के बाद भारत मर्चेंट्स चेंबर के प्रेसिडेंट विजय लोहिया ने कहा, “ कोरोन संकट ने वैसे ही दुकानदारों को परेशान किया हुआ है ऊपर से बीएमसी की बोर्ड को लेकर इस तरह की कार्रवाई से दुकानदार की तकलीफें और बढ़ेंगी. मुंबई एक अंतरराष्ट्रीय शहर है इस कराण बोर्ड पर मराठी भाषा का फॉन्ट साइज बड़ा करने की अनिवार्यता से सिर्फ परेशान ही बढ़ेगी.
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