Maharashtra Cabinet: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार (15 दिसंबर) को कैबिनेट का विस्तार किया. 39 नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. इनमें मात्र एक मुस्लिम चेहरे को जगह दी गई है. कोल्हापुर जिले के कागल से 6 बार के विधायक हसन मुश्रीफ अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के कोटे से मंत्री बने हैं.


बता दें कि बीजेपी के नेतृत्व में 13 राज्यों में सरकार है. इनमें यूपी में दानिस अंसारी एकमात्र मुस्लिम मंत्री हैं.  शपथ लेने के बाद मुश्रीफ ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार, वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल, NCP के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे और सभी पार्टी नेताओं और महायुति के सम्मानित नेताओं को हृदय से धन्यवाद. मेरे कागल गढ़िंगलाज और उत्तरूर विधानसभा क्षेत्रों के लोगों और अब तक की यात्रा में मेरे साथ खड़े रहने वाले मेरे सभी सहयोगियों को मेरा हार्दिक धन्यवाद!


लग चुके हैं भ्रष्टाचार के आरोप


हसन मुश्रीफ महाराष्ट्र के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) शमशुद्दीन मुश्रीफ के छोटे भाई हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी पूर्व में हसन मुश्रीफ पर कोल्हापुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (डीसीसीबी) और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी चीनी मिलों से संबंधित लेनदेन में भ्रष्टाचार का आरोप लगा चुकी है. हालांकि, जब से उन्होंने अजित पवार का साथ दिया और एनडीए सरकार में शामिल हो गए, हमले कम हो गए.


शिंदे कैबिनेट में थे दो मुस्लिम मंत्री


2014 से 2019 के बीच महाराष्ट्र में जब बीजेपी और शिवसेना का गठबंधन था, तब फडणवीस ने अपने मंत्रिमंडल में किसी मुस्लिम विधायक को शामिल नहीं किया था. हालांकि, 2019 के चुनावों के बाद और शिवसेना और एनसीपी में विभाजन के बाद शिवसेना के हसन और अब्दुल सत्तार को नई महायुति सरकार में जगह मिली. सत्तार इस बार कैबिनेट में जगह नहीं बना पाए. वहीं हसन अपनी जगह बनाए रखने में कामयाब रहे.


इस बार के विधानसभा चुनाव में एनडीए से तीन सत्तार, हसन और एनसीपी की सना मलिक समेत 10 विधायक चुने गए हैं. राज्य की आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी करीब 11.5% है और वे महाराष्ट्र में राजनीतिक प्रतिनिधित्व पाने वाले कुछ अल्पसंख्यकों में से हैं. 1978 में लियोन डिसूजा के बाद से किसी भी ईसाई को राज्य में मंत्री पद नहीं मिला है, जबकि 1993 में मर्जबान पात्रावाला पारसी समुदाय से अंतिम मंत्री थे.


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