Loudspeaker Row: लाउडस्पीकर विवाद के बीच नागपुर की एक मस्जिद ने पेश की सद्भाव की मिसाल, कम की अजान की पिच
नागपुर के एक हिंदू बहुल इलाके में मस्जिद प्रबंधन ने सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए लाउडस्पीकर पर अजान की आवाज धीमी कर दी है.
देश भर में लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा और अजान को लेकर हो रहे विवाद के बीच महाराष्ट्र के नागपुर शहर के हिंदू बहुल इलाके रामनगर में स्थित इकलौती मस्जिद में साम्प्रदायिक सद्भाव की मिसाल पेश की गई है. दरअसल वर्षों से, तेलंगखेड़ी मस्जिद से लाउडस्पीकर पर अजान सुनी जाती रही है. अजान की ये आवाजें अमरावती रोड तक सुनी जा सकती थीं, लेकिन एक पखवाड़े से अधिक समय से इस मस्जिद से अजान की आवाजें लाउडस्पीकर पर नहीं सुनाई दे रही हैं.
मस्जिद प्रबंधन का क्या कहना है
मस्जिद प्रबंधन का इस संबंध में कहना है कि उसने इन दिनों सामाजिक और राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए स्वेच्छा से लाउडस्पीकर की वॉल्यूम कम करने का फैसला किया है. सचिव मोहम्मद सलीम कहते हैं, ''इन दिनों समय कठिन है और हम किसी को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते. इसलिए धीमी आवाज में अजान करने का निर्णय लिया गया है. ”
सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए लाउडस्पीकर की वॉल्यूम कम की गई
टीओआई में छपी रिपोर्ट के मुताबिक सचिव मोहम्मद सलीम आगे कहते हैं कि, “हम वर्षों से अपने हिंदू पड़ोसियों के साथ शांति से रह रहे हैं. सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए, हमने लाउडस्पीकर की वॉल्यूम कम रखने का फैसला किया है. “सलीम ने कहा कि उन्हें पड़ोसियों से कोई शिकायत नहीं मिली है. उन्होंने कहा कि सुबह जल्दी होने वाली फजर कॉल के कारण कई लोग समय पर उठ सकते हैं और अपने काम के लिए निकल सकते हैं.
मुस्लिम सामाजिक-धार्मिक संगठनों के सदस्यों का क्या कहना है?
वहीं मुस्लिम सामाजिक-धार्मिक संगठनों के सदस्यों ने कहा कि कई मस्जिदों, विशेष रूप से मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में स्थित मस्जिदों ने लाउडस्पीकर की वॉल्यूम कम करने का फैसला किया है. ऐसा विचार किसी भी विवाद से बचने के लिए किया गया है, खासकर रमजान के दौरान क्योंकि यह भावना को कम कर देगा
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