Maharashtra Lok sabha Elections 2024: भारतीय समाज में हमेशा से सुनते आये हैं कि किसी की मौत एक ऐसी घटना है, जिसे उनके परिजन भुलाना भी चाहें तो नहीं भूल पाते. हर इंसान के जीवन में यह एक ऐसी घटना है, जिस पर तत्काल काबू पाना किसी के लिए भी दुश्कर होता है. इसके बावजूद लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में महाराष्ट्र के नागपुर से दो ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें दो अलग-अलग परिवारों में मौत की घटना के बावजूद पहले परिजनों ने वोट डाला, उसके बाद रीति रिवाज से अंतिम संस्कार की प्रकिया पूरी की.
दरअसल, नागपुर में तात्या टोपे नगर निवासी एक 39 वर्षीय व्यक्ति की 10 अप्रैल की सुबह मौत हो गई. अभिनव करहू (39) लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका अंतिम संस्कार करने से पहले उनकी मां मैथिली करहू और पत्नी श्रुति ने ज्यूपिटर स्कूल मतदान केंद्र पर पहुंची और अपने लोकतंत्र के पावन कर्तव्य मताधिकार का प्रयोग किया.
मतदान राष्ट्रीय कर्तव्य
मतदान केंद्र से वोट डालकर बाहर निकलते समय उनकी मां ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, "मतदान एक राष्ट्रीय कर्तव्य है."
मृतक की भावनाओं का रखा ख्याल
इसी तरह एक अन्य मामले में एक दिन पहले अंतिम सांस लेने वाले 74 वर्षीय व्यक्ति के रिश्तेदारों ने अपना दुख भुलाकर मतदान किया. पांच भाइयों में दूसरे नंबर के मदनमोहन खेमानी (74) का गुरुवार को शहर में निधन हो गया. उनके भाई मनोज खेमानी ने कहा, "वह हमेशा मतदान के महत्व के बारे में बात करते थे. इसलिए, हमारे संयुक्त परिवार में पात्र मतदाताओं में से 27 लोगों ने आज वर्धमान नगर मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया."
पीटीआई-भाषा से बातचीत में उन्होंने को बताया, संयुक्त परिवार के सभी सदस्यों ने मतदान करने के बाद उत्थान (मृत्यु के बाद की रस्म) में हिस्सा लिया. बता दें कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण में शुक्रवार को महाराष्ट्र की नागपुर समेत पांच लोकसभा सीटों पर मतदान संपन्न हुआ.