Maratha Reservation Protest: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने मराठा समुदाय के सदस्यों को कुनबी जाति के प्रमाणपत्र जारी करने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले का सोमवार को विरोध किया और कहा कि ‘‘स्वाभिमानी मराठा’’ आरक्षण के लाभ हासिल करने के लिए कुनबी वर्ग में शामिल नहीं होना चाहेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता राणे ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘गौरवशाली मराठा कुनबी जाति वर्ग में शामिल नहीं होंगे और आरक्षण का लाभ नहीं लेंगे. इसका मतलब मौजूदा अन्य पिछड़ा वर्ग पर अतिक्रमण हो सकता है.’’


क्या बोले नारायण राणे?
उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र सरकार से मेरा अनुरोध है कि मराठा समुदाय को दबाया न जाए जिसका युद्ध और लड़ाई का गौरवशाली इतिहास है. यह एक नाजुक मामला है जिस पर राज्य सरकार को गहन अध्ययन करने की आवश्यकता है.’’ राणे ने कहा कि राज्य की आबादी में करीब चार करोड़ यानी 32 फीसदी मराठा हैं. उन्होंने कहा कि ‘‘जाति, धर्म और देश किसी भी पद से ऊंचा है.’’


कबसे आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे?
कृषक समुदाय ‘कुनबी’ ओबीसी के अंतर्गत आता है और जरांगे भी सभी मराठों के लिए कुनबी प्रमाणपत्र मांग रहे है. जरांगे मराठों के वास्ते आरक्षण की मांग को लेकर अगस्त से आंदोलन कर रहे थे. उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी ओबीसी की चिंताएं दूर करने का प्रयास करते हुए कहा है कि मराठों को बिना सबूत कुनबी प्रमाणपत्र नहीं दिया जाएगा.


सीएम शिंदे के फैसले की भुजबल ने की आलोचना
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हाल में घोषणा की कि मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण मिलने तक उन्हें ओबीसी द्वारा प्राप्त सभी लाभ दिए जाएंगे. शिंदे की इस घोषणा की भुजबल ने आलोचना की है. महाराष्ट्र सरकार ने जरांगे के साथ बातचीत के बाद एक मसौदा अधिसूचना जारी की है जिसमें कहा गया है कि जिस मराठा व्यक्ति के पास यह दर्शाने के लिए रिकॉर्ड हैं कि वह कुनबी समुदाय से जुड़ा है, उसके सगे-संबंधियों को भी कुनबी के तौर पर मान्यता दी जाएगी. 


ये भी पढ़ें: Maratha Reservation: मनोज जरांगे का महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल को लेकर बड़ा दावा, बोले- 'ओबीसी के लिए कुछ...'