Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र (Maharashtra) में विपक्षी दलों, कांग्रेस (Congress) और एनसीपी (NCP) ने राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस-वोटिंग न होने के बाद राहत की सांस ली. दरअसल आंकड़े बताते हैं कि राष्ट्रपति चुनाव में इन दोनों पार्टियों के नेताओं ने क्रॉस वोटिंग नहीं की. महाराष्ट्र में पड़े 283 वोटों में से 279 वोट वैध घोषित किया गया. इसमें एनडीए को जहां 181 वोट मिले, वहीं यूपीए को 98 वोट मिले. चार मत अवैध घोषित किए गए. संख्या कांग्रेस और राकांपा को राहत देने वाली है, क्योंकि उनके सभी वोट बरकरार हैं. महाराष्ट्र से कुल मिलाकर, दोनों दलों के 97 वोट पड़े, जिसमें 53 विधायकों ने एनसीपी से और 44 ने कांग्रेस से मतदान किया. यूपीए को एक अतिरिक्त वोट मिला है, जो माकपा के एकमात्र विधायक होने की संभावना है.
चुनाव के दिन भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा था कि मुर्मू को 182 विधायकों का समर्थन मिला है और इस आंकड़े को 200 से ऊपर ले जाने के लिए उनके पक्ष में क्रॉस वोटिंग होगी. महाराष्ट्र विधानसभा में 288 विधायक हैं, जो शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद घटकर 287 हो गए हैं. जेल में बंद एनसीपी के दो विधायकों नवाब मलिक और अनिल देशमुख ने वोट नहीं दिया. भाजपा विधायक लक्ष्मण जगताप ने भी खराब स्वास्थ्य के कारण मतदान नहीं किया, जबकि शिवसेना विधायक महेंद्र दलवी ने मतदान नहीं किया क्योंकि उन्हें मई में एक मामले में दोषी ठहराया गया था.
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दो निर्दली विधायकों ने भी दिया वोट
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के आदेश के बाद, एकनाथ शिंदे गुट में शामिल नहीं हुए 15 विधायकों ने भी मुर्मू को वोट दिया, जिससे कुल शिवसेना वोट 55 हो गए. विधानसभा में भाजपा की ताकत 106 है. विधानसभा में 29 निर्दलीय और छोटे दल के विधायक भी हैं. पिछले महीने हुए फ्लोर टेस्ट के दौरान बीजेपी-शिंदे गठबंधन को निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ 164 वोट मिले थे. ठाकरे गुट ने मुर्मू को अपने 15 विधायकों का समर्थन देने का वादा किया, तो यह संख्या बढ़कर 179 हो गई. उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, इसे निर्दलीय विधायकों के दो अतिरिक्त वोट मिले हैं.