Maharashtra News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के नेतृत्व में निकाली जा रही ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ (Bharat Jodo Yatra) की उपयोगिता से इंकार नहीं किया जा सकता. उन्होंने संकेत दिया कि आगामी लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में विपक्षी एकता का आकार लेने पर कांग्रेस को शामिल करने के खिलाफ नहीं हैं. पवार महाराष्ट्र के सोलापुर (Solapur) जिले में पत्रकारों से मुखातिब थे. उन्होंने माना कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ जैसी बड़ी पदयात्राओं का राजनीतिक प्रभाव पड़ता है और लोग ऐसे कार्यक्रमों का ईमानदारी से स्वागत करते हैं.
भारत जोड़ो यात्रा पर बोले शरद पवार
पूछे जाने पर कि क्या ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ का आने वाले दिनों में राजनीति पर प्रभाव पड़ेगा, पवार ने कहा कि जब इतनी बड़ी यात्राएं की जाती हैं, तो उपयोगी साबित होती हैं. पूर्व मुख्यमंत्री ने याद किया, ‘‘जब (पूर्व प्रधानमंत्री) चंद्रशेखर ने इसी तरह की पदयात्रा की थी, तो उसे जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली थी. मैंने भी किसानों के लिए जलगांव से नागपुर (1980 में) मार्च निकाला था.’’ उन्होंने कहा कि जब उनकी यात्रा उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव से शुरू हुई थी, तब उसमें करीब 5,000 लोग शामिल हुए थे और बुलढाणा में संख्या 50,000 और पूर्वी महाराष्ट्र के अकोला और अमरावती पहुंचने पर एक लाख से अधिक हो गई थी.
विपक्ष के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे?
पवार ने कहा, ‘‘मार्च पूरे राज्य की राजनीति को बदलने के लिए उपयोगी साबित हुआ.’’ कन्याकुमारी से 7 सितंबर को कश्मीर के लिए शुरू की गई ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ पर पवार ने कहा, ‘‘(कांग्रेस द्वारा) शुरू की गई इस पदयात्रा की पार्टी और व्यक्ति (राहुल गांधी) के लिए उपयोगिता से कोई इनकार नहीं कर सकता.’’ उन्होंने कहा कि लोग ऐसे कार्यक्रमों का स्वागत करते हैं यदि वे बहुत लगन से आयोजित किए जाते हैं तो. पूछे जाने पर कि क्या 2024 के चुनावों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त चेहरा होगा और क्या विपक्षी दल एकसाथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे, पवार ने कहा कि भविष्य की किसी व्यवस्था के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. पवार ने कहा, ‘‘हर कोई चाहता है कि कुछ किया जाना चाहिए लेकिन हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं. चर्चा की जा रही है.
हाल ही में, नीतीश कुमार (जदयू प्रमुख) मेरे पास आए थे. इसी विषय पर चर्चा हुई थी. दूसरे दिन (तृणमूल कांग्रेस प्रमुख) ममता बनर्जी ने मुझसे मुलाकात की और उन्होंने भी यही रुख रखा. केरल और तमिलनाडु के नेताओं ने भी इसी तरह की राय रखी है. लेकिन अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं.’’ पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस विपक्षी एकता में बाधा बन रही है, राकांपा प्रमुख पवार ने कहा कि कुछ लोगों का मानना है कि उसे (विपक्षी गुट में) शामिल नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि मेरी राय है कि किसी को दूसरे को शामिल किए जाने का विरोध करने का रुख नहीं अपनाना चाहिए.’’
बीजेपी (BJP) के इन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कि उन्होंने (पवार) और उद्धव ठाकरे ने शिवसेना सांसद संजय राउत की ‘‘उपेक्षा’’ की है, जो वर्तमान में धनशोधन मामले में जेल में बंद हैं, पवार ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) का राउत को गिरफ्तार करना ‘‘सत्ता के दुरुपयोग’’ को दर्शाता है. पवार ने आरोप लगाया, ‘‘उन्हें (राउत को) बिना किसी कारण के जेल में डाल दिया गया. उन्हें जेल में किसने डाला? जिन लोगों ने उन्हें जेल में डाला, वे कह रहे हैं कि हम उनकी उपेक्षा कर रहे हैं.
यह सत्ता के दुरुपयोग के अलावा और कुछ नहीं है. चाहे वह अनिल देशमुख हों या नवाब मलिक (दोनों राकांपा नेता) या राउत, उन्हें बिना किसी कारण के जेल में डाल दिया गया.’’ उन्होंने कहा कि मुंबई के शिवाजी पार्क में वार्षिक दशहरा रैली आयोजित करने को लेकर ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना का रुख जायज है. इस बारे में पूछे जाने पर कि ठाकरे खेमे को अभी भी रैली करने की अनुमति का इंतजार है, पवार ने कहा कि वह पिछले 30-40 वर्षों से देख रहे हैं कि शिवसेना, जिसका नेतृत्व पहले बाल ठाकरे करते थे, शिवाजी पार्क में दशहरा रैली कर रही है, जो एक तरह से परंपरा है.
उन्होंने कहा, ‘‘इस परंपरा को जारी रखने के लिए अगर वे शिवाजी पार्क में रैली करने की अनुमति मांग रहे हैं तो मुझे लगता है कि इसमें कुछ भी गलत नहीं है.’’ पवार ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना खेमे को भी दशहरा रैली आयोजित करने का अधिकार है और उसे मुंबई के बांद्रा कुर्ला काम्प्लेस स्थित एमएमआरडीए मैदान में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी गई है. उन्होंने कहा, ‘‘जैसे उनका मुद्दा सुलझ गया है, दूसरों का विरोध क्यों करें? मैं कह रहा हूं कि वे (शिंदे खेमा) शिवाजी पार्क में (उद्धव ठाकरे खेमे को) रैली आयोजित करने की अनुमति देने का विरोध नहीं कर सकते.’