Maharashtra News: दिल्ली में शरद पवार (Sharad Pawar) के आवास पर एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है. इस पर डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) ने निशाना साधा है. अजित पवार ने कहा कि जब पार्टी के विधायकों और पदाधिकारियों ने उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना है तो फिर ऐसे में शरद पवार को कार्यकारिणी की बैठक लेने का अधिकार नहीं है. अजित पवार ने कहा कि मामला चुनाव आयोग (Election Commission) के पास लंबित है इसलिए दिल्ली में आयोजित बैठक का कोई आधार नहीं है. 


बता दें कि शरद पवार की तरफ से बुलाई गई बैठक में सुप्रिया सुले, जितेंद्र आव्हाड़ और अन्य नेता शामिल हैं. ये बैठक ऐसे समय में हो रही है जब एनसीपी पर कब्जे का मामला चुनाव आयोग की दहलीज तक पहुंच चुका है. बुधवार (5 जुलाई) को अजित पवार और शरद पवार दोनों गुटों ने अलग-अलग बैठक की. विधायकों के समर्थन के मामले में अजित पवार गुट का पलड़ा भारी है.


बुधवार को पार्टी के दोनों गुटों के सूत्रों ने बताया कि अजित पवार गुट द्वारा बुलाई गई बैठक में एनसीपी के 53 में से 32 विधायक शामिल हुए, जबकि एनसीपी प्रमुख द्वारा आयोजित बैठक में 18 विधायक उपस्थित थे. एनसीपी के गठन के 24 साल बाद दो जुलाई को इसमें हुई टूट के बाद पहली बार पार्टी की अलग-अलग बैठकें हुईं. 


चुनाव आयोग तक पहुंचा मामला


अजित पवार के गुट ने चुनाव आयोग को उनके समर्थन में विधायकों और सांसदों वाले 40 से अधिक हलफनामे चुनाव आयोग के सामने दाखिल किए हैं. आने वाले दिनों में चुनाव आयोग इस पर सुनवाई कर सकता है. शरद पवार ने 1999 में एनसीपी का गठन किया था. 2 जुलाई 2023 को एनसीपी में बगावत हो गई है और अजित पवार के समर्थन वाले विधायक महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट में शामिल हो गए. अजित पवार सहित नौ विधायक शिंदे सरकार में शामिल हुए हैं. अभी विभागों का बंटवारा नहीं किया गया है.


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