Maharashtra Politics Crisis: महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले कुछ समय से लगातार सियासी हलचल देखी जा रही है. दरअसल, एनसीपी के 53 विधायकों में से 30 अजित पवार के साथ आने के बाद एनसीपी नेता अजित पवार (Ajit Pawar) उपमुख्यमंत्री के रूप में महाराष्ट्र सरकार में शामिल हो गए. लेकिन मिली जानकारी के अनुसार एनसीपी विधायकों की स्थिति डामाडोल है और वो अभी भी दुविधा में हैं कि, वो शरद पवार का साथ दें या अजित पवार का?
दरअसल, अजित पवार खेमे की शरद पवार से मुलाकात को लेकर अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, रविवार (16 जुलाई) को अजित पवार खेमे के सिर्फ मंत्रियों के साथ शरद पवार से मुलाकात हुई थी. इसके बाद अजित पवार के समर्थक विधायकों में बेचैनी हो गई. इस पर विधायकों ने पार्टी मुखिया से सवाल किया कि आपने हमें विश्वास में लिए बिना केवल मंत्रियों से मुलाकात की. अब तो मंत्रियों को सहानुभूति मिलेगी, लेकिन विधायकों को अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं के गुस्से का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में विधान भवन में आज हुई बैठक में विधायकों ने नाराजगी जाहिर की.
लगातर दूसरे दिन शरद पवार से हो रही मुलाकात
इसलिए आज अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल सभी विधायकों के साथ दूसरी बार शरद पवार से मिलने वाई बी चव्हाण सेंटर पहुंचे. वहीं शरद पवार से कल हुई मंत्रियों की मुलाकात के दौरान बागियों ने शरद पवार से एनसीपी को एकजुट रहने की अपील करते हुए कहा कि वो भी बीजेपी गठबंधन का हिस्सा बन जाएं. जिसके बाद अब शरद पवार ने इस पर जवाब दिया है. जिसमें उन्होंने ये साफ कर दिया कि वो बीजेपी के साथ नहीं जाने वाले हैं. हालांकि शरद पवार खेमे की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, बेंगलुरु में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शरद पवार शामिल हो रहे हैं. आज किसी कारणवश वे बैठक में शिरकत करने के लिए बेंगलुरु नहीं पहुंचे पाए.
कल विपक्षी बैठक में शामिल होंगे शरद पवार
बता दें कि, विधानसभा सत्र के पहले दिन विपक्ष में शरद पवार गुट के 11 विधायक बैठे दिखाई दिए. वहीं सत्ता पक्ष में नौ मंत्रियों के अलावा छह विधायक ही सदन के भीतर दिखाई दिए. हालांकि, कई विधायक विधानसभा में पहुंचे थे, लेकिन सदन के अंदर नहीं पहुंचे. वहीं आज अजित पवार के एक गुट के विधायकों ने शरद पवार से मुलाकात की उस दौरान विधायकों की संख्या 30 से ज्यादा थी.