एनसीपी (NCP) ने नवाब मलिक (Nawab Malik) को मंत्री बनाए रखने का फैसला किया है लेकिन उनके विभागों को दूसरे कैबिनेट सहयोगियों को सौंपने का फैसला किया गया है. बता दें कि मलिक को कैबिनेट से हटाने की मांग को लेकर बीजेपी पिछले कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रही थी. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा नवाब मलिक की गिरफ्तारी के लगभग 23 दिन बाद, महाराष्ट्र (Maharashtra) के कैबिनेट मंत्री मलिक की पार्टी, एनसीपी ने गुरुवार को उनसे विभागों को लेने का फैसला किया है.
नवाब मलिक शिवसेना के नेतृत्व वाली एमवीए गठबंधन सरकार में अल्पसंख्यक मामलों और कौशल विकास विभागों के मंत्री हैं. एमवीए गठबंधन में एनसीपी शामिल है. नवाब मलिक को ईडी ने फरवरी के अंत में मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया था.
वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. राज्य एनसीपी प्रमुख और जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि मलिक के विभाग अस्थायी रूप से पार्टी के उनके कैबिनेट सहयोगियों को दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि एमवीए सरकार, हालांकि, मंत्री के रूप में मलिक के इस्तीफे की मांग नहीं करेगी और वह एनसीपी की मुंबई इकाई के प्रमुख बने रहेंगे.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस फैसले के बारे में सूचित किया जाएगा और वह इस संबंध में अंतिम फैसला करेंगे. पाटिल ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर एनसीपी नेताओं की बैठक के दौरान यह फैसला किया गया.
पाटिल के अलावा, पवार के घर पर हुई बैठक में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, मंत्री छगन भुजबल और दिलीप वालसे पाटिल के अलावा पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे शामिल थे. मलिक को कैबिनेट से हटाने की मांग को लेकर भाजपा पिछले कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रही थी.
कैबिनेट विभागों के अलावा, उन्हें परभणी और गोंदिया जिलों के संरक्षक मंत्री भी नियुक्त किया गया था. एनसीपी ने अब सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे और शहरी विकास राज्य मंत्री प्राजक्ता तानपुरे को दोनों जिलों का संरक्षक मंत्री बनाने का फैसला किया है.
इसे भी पढ़ें: