Maharashtra News: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने गुरुवार (2 दिसंबर) को कहा कि वह अपने किसी सहयोगी की कीमत पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नहीं बनना चाहते हैं. वरिष्ठ नेता ने विदेश यात्रा से लौटने के बाद नासिक में कहा कि मैं मंत्री पद नहीं चाहता, अगर इसके लिए किसी और को मंत्रिमंडल से हटाना पड़े.
कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार और एनसीपी-शरदचंद्र पवार के जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया था कि छगन भुजबल को धनंजय मुंडे को हटाकर देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल किया जाएगा. धनंजय मुंडे अपने सहयोगी वाल्मीक कराड की मसाजोग सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित जबरन वसूली के मामले में कथित संलिप्तता को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं.
छगन भुजबल ने अपनी विदेश यात्रा के बारे में कहा, "मैंने जानबूझकर कुछ समय के लिए राजनीति से एक विराम लिया है. मैं 1967 से राजनीति में सक्रिय हूं, लेकिन कभी-कभी राजनीतिक दिमाग को आराम की जरूरत होती है."
देवेंद्र फडणवीस ने नहीं किया था मंत्री पद देने का वादा- भुजबल
एनसीपी नेता पिछली महायुति सरकार में खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री थे, लेकिन नवंबर में विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें हटा दिया गया था. यह विभाग फिलहाल धनंजय मुंडे के पास है. छगन भुजबल ने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें मंत्री पद देने का वादा नहीं किया था.
उन्होंने कहा, "फडणवीस ने केवल इतना कहा था कि चलो सात से आठ दिन प्रतीक्षा करें और इस पर चर्चा करते हैं." एनसीपी नेता ने कहा, "वडेट्टीवार या जितेंद्र आव्हाड ने जो कहा है, उसके बारे में मैं क्या कह सकता हूं? मैं किसी और की कीमत पर पद नहीं चाहता." गौरतलब है कि महायुति सरकार में मंत्री पद न मिलने से एनसीपी नेता छगन भुजबल की अजित पवार से नाराजगी खुलकर सामने आई है.