Badlapur News: अनिल देशमुख ने की 'शक्ति विधेयक' मंजूर करने की मांग, बोले- 'बदलापुर आरोपी को...'
Anil Deshmukh on Badlapur Case: महाराष्ट्र के बदलापुर में दो बच्चियों के साथ कथित यौन शोषण की घटना के बाद प्रदर्शन हुआ. इस घटना को लेकर अनिल देशमुख ने महायुति सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
Badlapur News Today: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने बदलापुर के स्कूल में हुई घटना का हवाला देते हुए, बच्चों और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों में मौत की सजा के प्रावधान की मांग की. इसके साथ पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने 'शक्ति विधेयक' को मंजूरी देने और इसके कार्यान्यवन की बुधवार (21 अगस्त) को मांग की.
महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों ने तीन साल पहले शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक, 2020 और महाराष्ट्र शक्ति आपराधिक कानून के कार्यान्वयन के लिए विशेष अदालत एवं तंत्र, 2020 पारित किया था. उस वक्त महा विकास आघाडी (MVA) की अगुवाई वाली उद्धव ठाकरे की सरकार सत्ता में था.
शक्ति विधेयक पर अनिल देशमुख ने क्या कहा?
अनिल देशमुख ने मीडिय से कहा, "जब मैं गृह मंत्री था, तो मैंने आंध्र प्रदेश के एक कानून की तर्ज पर शक्ति विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए सभी दलों के विधायकों की 21 सदस्यीय समिति बनाई थी."
उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने इस विधेयक को मंजूरी दी थी और राज्य विधानसभा में पारित किया गया था. यह मंजूरी के लिए केंद्र सरकार के पास लंबित है."
'रेप आरोपी को फांसी के लिए शक्ति बिल काफी'
एनसीपी (एसपी) नेता ने कहा कि समिति ने सभी हितधारकों के साथ परामर्श करने के बाद शक्ति विधेयक का मसौदा तैयार किया था. उन्होंने कहा कि बदलापुर मामले में अपराधी को मौत की सजा दिलाने के लिए "शक्ति अधिनियम" पर्याप्त होगा.
ठाणे जिले के बदलापुर के एक स्कूल में दो बच्चियों के साथ कथित यौन शोषण की घटना को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए हैं. इस घटना के बाद राज्य में सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन और विपक्षी एमवीए के बीच आरोप- प्रत्यारोप देखने को मिला है.
बदलपुर पर अनिल देशमुख ने क्या कहा?
पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि बदलापुर घटना की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को प्राथमिकी दर्ज करने में "12 से 13 घंटे की देरी" के पीछे के कारणों का पता लगाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि एसआईटी को यह भी पता लगाने की कोशिश करनी चाहिए कि क्या देरी इसलिए हुई कि स्कूल प्रबंधन "बीजेपी के एक नेता का करीबी" हैं.
शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने सोमवार (19 अगस्त) को कहा था कि उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दोनों विधेयकों को शीघ्र मंजूरी देने के लिए पत्र लिखा है.