Supriya Sule on Eknath Shinde: एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले का कहना है, "जो गरीब है उससे कभी मत लड़ो. अगर लड़ना है तो उन लोगों से लड़ना होगा जो तुमसे ताकतवर हैं. मेरी लड़ाई महाराष्ट्र में किसी से नहीं है. मैं उनसे भी नहीं लड़ूंगी... लड़ाई दिल्ली की अदृश्य शक्ति से है...मैं प्रदेश की जनता से वादा करती हूं कि प्रदेश में महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनाया जाएगा... ये गारंटी एक साल, तीन साल या पांच साल के लिए है..."


पानी की समस्या को लेकर कही ये बात
सुप्रिया सुले ने आलोचना करते हुए कहा कि राज्य में पूरी ढाई सरकार पार्टियों और परिवारों को बांटने में व्यस्त है, उनके पास आम लोगों के लिए समय नहीं है और यह सरकार पानी के मुद्दे पर बेहद असंवेदनशील है. यह साल चुनावी साल है. इस साल महाराष्ट्र के सामने सबसे बड़ी चुनौती पानी रहने वाली है. बीड, धाराशिव और अन्य जिलों में पानी की भारी कमी हो गई है. लेकिन सरकार के पास इस पर गौर करने का समय नहीं है. लेकिन एनसीपी इन मुद्दों को लेकर शरद पवार के नेतृत्व में काम कर रही है. किसानों के सवाल पर हमने किसान विरोध मार्च निकाला. इस दौरान भी हमने याद दिलाया कि हमने आंगनवाड़ी बहनों के आंदोलन में हिस्सा लिया था.


क्या बोलीं सुप्रिया सुले?
हमारी लड़ाई किसी महाराष्ट्र वाले से नहीं बल्कि दिल्ली की उस 'अदृश्य' ताकत से है. लेकिन मेरे पीछे आयकर, ईडी, सीबीआई नहीं है, इसलिए मैं निडर हूं और हमें तय करना है कि अपनी पार्टी को कैसे आगे ले जाना है. इस अवसर पर यह भी कहा गया कि एक सरल सूत्र है कि आम लोगों के जीवन में बदलाव आयेगा तभी वास्तविक विकास होगा. राज्य के शासकों ने छत्रपति शिवाजी महाराज की शपथ ली और आरक्षण देने का वादा किया. लेकिन उन्होंने इनमें से एक भी पूरा नहीं किया.


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