Maharashtra Politics Crisis: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजित पवार और छगन भुजबल के समर्थकों ने महाराष्ट्र के नासिक शहर में पार्टी के नगर कार्यालय पर मंगलवार को कब्ज़ा कर लिया. इसके बाद पार्टी प्रमुख शरद पवार के प्रति वफादारी रखने वाले नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. नासिक जिले के येओला से विधायक भुजबल रविवार (2 जुलाई) को अजित पवार और सात अन्य विधायकों के साथ राज्य की बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए थे. इससे शरद पवार नीत पार्टी में विभाजन हो गया.
पुलिस ने क्या किया?
भुजबल के समर्थकों ने सुबह मुंबई नाका इलाके में स्थित एनसीपी कार्यालय 'राष्ट्रवादी भवन' पर कब्जा कर लिया. दोपहर में शरद पवार के समर्थकों ने दफ्तर में घुसने की कोशिश की और दोनों गुटों के बीच तकरार हुई. पुलिस ने जिला एनसीपी प्रमुख कोंडाजी आव्हाड, शहर इकाई के पूर्व अध्यक्ष गजानन शेलार सहित शरद पवार के अन्य समर्थकों को कार्यालय में प्रवेश करने से रोक दिया.
'शरद पवार ने एनसीपी की स्थापना की है'
शेलार ने कहा कि यह राष्ट्रवादी प्रतिष्ठान का कार्यालय है. भुजबल का इससे कोई लेना-देना नहीं है. सभी हमारे नेता हैं, लेकिन शरद पवार ने एनसीपी की स्थापना की है और यह उनकी पार्टी है. हम एक दिन के भीतर कार्यालय पर कब्जा कर लेंगे. आव्हाड ने दावा किया कि उन्हें कार्यालय में बैठक करने का अधिकार है क्योंकि वह एनसीपी के जिला प्रमुख हैं.
'हर कोई शरद पवार का समर्थक है'
भुजबल समर्थक दिलीप खैरे ने कहा कि वे दूसरे समूह को कार्यालय में प्रवेश नहीं करने देंगे. उन्होंने आव्हाड पर रविवार (04 जून) को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने लेकिन बाद में अपना रुख बदलने का आरोप लगाया. शहर एनसीपी प्रमुख रवींद्र पगार ने कहा कि हर कोई शरद पवार का समर्थक है और वह भुजबल द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि सबको शांति बनाए रखनी चाहिए. शरद पवार समर्थकों ने कार्यालय के बाहर धरना भी दिया लेकिन बाद में वे वहां से चले गए.
ये भी पढे़ं: Maharashtra: प्रधानमंत्री मोदी को लेकर अजित पवार का बड़ा बयान- 'उनके जैसा कोई नेता...'