NCP Political Crisis: महज 10 दिन पहले एनसीपी में हुई सबसे बड़ी बगावत ने राज्य में सत्ता का समीकरण बदल दिया है. अजित पवार समेत एनसीपी के 9 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली और साफ किया कि वे सरकार के साथ हैं. अजित पवार ने दावा किया था कि एनसीपी के ज्यादातर विधायक उनके साथ हैं. हालांकि, इस दावे को शरद पवार गुट ने खारिज कर दिया था. दो दिन पहले हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जितेंद्र आव्हाड ने दावा किया था कि नौ मंत्रियों को छोड़कर बाकी सभी मंत्री शरद पवार के साथ हैं.


कौन होगा विपक्ष का नेता?
इस बीच, मीडिया को दिए गए जयंत पाटिल के बयान से इस दावे की पुष्टि हो गई है कि एनसीपी के अधिकांश विधायक अजित पवार के साथ हैं. 17 जुलाई से मुंबई में मानसून सत्र शुरू हो रहा है और इस सत्र में हमें शिंदे गुट, बीजेपी और अजित पवार गुट के बीच अन्य विपक्षी दलों के करीब 200 विधायकों के बीच मुकाबला देखने को मिलेगा. अजित पवार के खुद सरकार में शामिल होने से विपक्ष का नेता कौन होगा? इस पर निर्णय लेना जरूरी है.


किसके दावे में कितना दम?
सबसे ज्यादा विधायक होने के कारण एनसीपी के पास विपक्ष के नेता का पद था. हालांकि, जयंत पाटिल ने बयान दिया है कि फिलहाल यही तस्वीर दिख रही है कि नेता प्रतिपक्ष का पद कांग्रेस के पास जाएगा. इससे एनसीपी विधायकों का बहुमत अजित पवार के पास जाने की चर्चा को बल मिल गया है. जयंत पाटिल ने कहा, ''ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस विपक्ष की नेता बनेगी. संख्या बल लगभग स्पष्ट होता जा रहा है. इसलिए मौजूदा हालात में कांग्रेस का नेता प्रतिपक्ष बनना संभव है. इसलिए, कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी चर्चा करेंगे और सही निर्णय लेंगे."


क्या बोले जयंत पाटिल
जयंत पाटिल ने कहा, इस बीच, जयंत पाटिल ने कहा कि सत्र में पूछे गए सवाल एनसीपी के लोगों ने पूछे थे जो इस समय सरकार में हैं. ''विधानमंडल का सत्र 17 तारीख को होगा. नये मंत्रियों को भी अध्ययन करने की जरूरत है. मंत्रियों को विपक्ष के सवालों का जवाब देने की तैयारी करनी होगी. लेकिन सारे सवाल उन्हीं लोगों ने पूछे थे. अब वही लोग उस तरफ जाएंगे और उन सवालों का जवाब देंगे.”


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