Maharashtra News: महाराष्ट्र की सियासी उथल-पुथल पर कांग्रेस (Congress) नेता और पूर्व सीएम अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) ने दावा किया कि बहुमत के बाद भी शिंदे सरकार अस्थिर है, इसलिए ऐसा हुआ है. अस्थिरता की वजह से ऐसी टूट-फूट हुई है. बता दें कि अजित पवार (Ajit Pawar) के साथ मिलकर एनसीपी के विधायकों ने बगावत कर दी है. 9 बागी विधायकों ने शिंदे सरकार को समर्थन देकर आज राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली है. 


कांग्रेस जहां शिंदे सरकार के अस्थिर होने का दावा कर रही है तो वहीं उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना का दावा है कि जेल जाने से बचने के लिए अजित पवार के साथ कुछ विधायक महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए हैं. वहीं, मंत्री पद की शपथ लेने के बाद छगन भुजबल ने शिवसेना के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी भी विधायक के खिलाफ कोई केस नहीं चल रहा और न ही कोर्ट ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की है तो ऐसे में यह कहना है कि हमने दबाव में फैसला लिया है. यह गलत है. 


पूरा एनसीपी हमारे साथ, अजित पवार का दावा
उधर, पत्रकारों से बातचीत में अजित पवार ने यह दावा किया है कि पूरी एनसीपी ही उनके साथ है और वह एनसीपी के चुनाव चिह्न पर अगला चुनाव लड़ेंगे. अजित पवार के इस फैसले से भले ही एनसीपी हिल गई है लेकिन पार्टी चीफ शरद पवार ने पत्रकारों के सामने यह कहा कि उन्हें आज के घटनाक्रम से कोई चिंता नहीं हो रही है. वहीं, सूत्र बताते हैं कि एनसीपी के 54 विधायकों में से करीब 35 विधायकों का समर्थन अजित पवार को मिला हुआ है. जबकि छह पार्षद और तीन सांसद भी अजित पवार को समर्थन कर रहे हैं. वहीं, बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले का दावा है कि 53 में से 40 विधायकों राज्य सरकार का समर्थन कर रहे हैं. 


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