NCP Political Crisis: एनसीपी की बगावत के बाद राज्य की राजनीति में बड़ा उलटफेर हुआ है. अजित पवार ने बीजेपी और शिंदे गुट के साथ उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. अजित पवार के समर्थन से बीजेपी की ताकत जरूर बढ़ी है. लेकिन दूसरी ओर ऐसी भी चर्चा है कि शिंदे गुट, जो पहले से ही बीजेपी के साथ था और बगावत कर शिवसेना का साथ छोड़ चुका है, नाराज है. खबर यह भी है कि शिंदे के मंत्रियों और विधायकों ने शिंदे से अपनी नाराजगी जाहिर की है. 


शिंदे गुट में नाराजगी
एबीपी माझा के अनुसार, अजित पवार के शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आवास पर शिंदे गुट की अहम बैठक हुई. बताया जा रहा है कि इसी बैठक में शिंदे के मंत्रियों और विधायकों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. साथ ही शिंदे गुट के कुछ मंत्री भी रुके हुए कैबिनेट विस्तार से नाराज हैं. 


बैठक में कई नेता मौजूद
शिंदे गुट के सभी मंत्रियों ने सोमवार सुबह मुख्यमंत्री शिंदे से ठाणे स्थित उनके आवास पर मुलाकात की. इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री उदय सामंत, गुलाब पाटिल, शंभुराज देसाई, शिंदे गुट के नेता दादा भुसे, संदीपन भुमरे उपस्थित थे. प्रत्येक ने मुख्यमंत्री शिंदे के साथ एक बैठक की जहां उन्होंने विभागों के संभावित आवंटन पर चर्चा की. इसके साथ ही उन्होंने अजित पवार और उनके वफादारों को सरकार में शामिल करने के फैसले पर भी नाराजगी जताई.


अजित पवार की एंट्री से दोबारा सामने आएंगे विवाद
अजित पवार समेत एनसीपी के नौ विधायक राज्य मंत्रिमंडल में शामिल हुए और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना में नाराजगी का माहौल है. मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में शिवसेना के मंत्रियों, विधायकों और सांसदों ने एकनाथ शिंदे के सामने अपनी भावनाएं व्यक्त कीं. अजित पवार और एनसीपी विधायकों के राज्य सरकार में शामिल होने से पुराने विवाद फिर से उभरने की आशंका जताई जा रही थी. समझा जाता है कि मुख्यमंत्री ने अपने सहयोगियों को आश्वासन दिया है कि वह उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के साथ चर्चा कर कोई रास्ता निकालेंगे. 


बगावत कर शिवसेना छोड़ने वाले शिंदे गुट के विधायकों को डर है कि अजित पवार के आने से एनसीपी के साथ पुराने विवाद फिर से शुरू हो जाएंगे. रायगढ़, नासिक, सतारा जिले में शिवसेना और एनसीपी के कुछ नेताओं में आपस में मतभेद हैं. शिंदे गुट के नेताओं को डर है कि ये विवाद फिर से बढ़ सकते हैं. लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह देवेंद्र फड़नवीस से चर्चा करेंगे और मध्यस्थता का रास्ता निकालेंगे. 


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