NCP Political Crisis: प्रफुल्ल पटेल के इस दावे के एक दिन बाद कि अजित पवार गुट के पास 42 विधायकों का समर्थन है, शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट ने उनके दावे का खंडन करते हुए कहा कि 53 में से 25 विधायक उनके साथ हैं. शरद पवार के करीबी सहयोगी जयंत पाटिल ने कहा, ''हमारे पास 19 विधायकों के हलफनामे हैं. छह विधायकों ने व्यक्तिगत रूप से शरद पवार या मुझसे बात की है और एनसीपी को अपना समर्थन दिया है.


जयंत पाटिल का दावा
हमारा तर्क है कि अजित पवार गुट का दावा खोखला है. कोई फूट नहीं है, क्योंकि ज्यादातर विधायक शरद पवार के साथ हैं. हमने पहले ही अपना रिकॉर्ड भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को सौंप दिया है. हमें यकीन है कि वह हमारी बात सुने बिना कोई फैसला नहीं लेगी.''


TOI में छपी एक खबर के अनुसार पाटिल ने आरोप लगाया कि अजित पवार गुट द्वारा चुनाव आयोग को सौंपे गए सभी रिकॉर्ड मनगढ़ंत प्रतीत होते हैं. “प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि सभी हलफनामे 30 जून को ईसीआई को सौंपे गए थे और उसी हलफनामे में यह उल्लेख किया गया था कि शरद पवार के स्थान पर अजीत पवार को एनसीपी अध्यक्ष चुना गया है. अगर ऐसा है, तो ऐसा कैसे हुआ कि कुछ दिनों बाद अजित पवार ने घोषणा की कि शरद पवार अभी भी एनसीपी अध्यक्ष बने रहेंगे?


यह सब विरोधाभासी प्रतीत होता है. पाटिल ने कहा, ''एनसीपी के संविधान के अनुसार, शरद पवार एनसीपी अध्यक्ष बने रहेंगे और इस पद पर अजीत पवार के दावे की कोई कानूनी वैधता नहीं है.''


पाटिल ने कहा, उन्होंने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि ये सभी बैठकें 2 जुलाई को विद्रोह के सार्वजनिक होने से पहले गुप्त तरीके से आयोजित की गई थीं. यह वास्तव में एक रहस्य है कि अजित पवार ने यह घोषित करने के लिए पूरे एक सप्ताह तक चुप्पी क्यों साधे रखी कि वह एनसीपी अध्यक्ष हैं. उन्हें बताना चाहिए कि बैठकें कहां हुईं और इन बैठकों में कौन शामिल हुआ.''


पाटिल ने कहा, ''संविधान की 10वीं अनुसूची बहुत स्पष्ट है, यह विभाजन को मान्यता नहीं देती है. विभाजन के लिए दो-तिहाई सदस्यों की आवश्यकता जैसी कोई बात नहीं है. हम उस बहस में नहीं जा रहे हैं, हम केवल इतना जानते हैं कि हमारे पास संख्याएं हैं. 


ये भी पढ़ें: ABP C voter Survey: शरद पवार और अजित पवार में से कौन है NCP का असली प्रमुख? सर्वे में जनता के जवाब ने चौंकाया