NCP Political Crisis: एनसीपी नेता अजित पवार ने बगावत कर दी है और सत्तारूढ़ बीजेपी से हाथ मिला लिया है. इसके तुरंत बाद अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. अजित पवार की बगावत के बाद अब एनसीपी के दो गुट टूट गए हैं, ऐसे में देखा जा सकता है कि सियासी माहौल गरमा गया है. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बड़ा बयान दिया है.
क्या बोले पृथ्वीराज चव्हाण?
यदि यह साबित हो गया कि एनसीपी छोड़ने वाले समूह में 36 से अधिक विधायक हैं, तो उस समूह को किसी अन्य पार्टी में विलय करना होगा। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि कानून कहता है कि ऐसा होने पर ही उनका निलंबन रद्द होगा. पृथ्वीराज चव्हाण ने यह भी कहा कि अभी तक 36 विधायक अलग हुए गुट में नजर नहीं आ रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ विधायक शर्तों को छोड़कर अलगाववादी समूहों में जा रहे हैं.
विधायकों को निलंबित करने का मामला
एनसीपी अध्यक्ष ने नौ मंत्रियों को निलंबित कर दिया है, तो विधानसभा अध्यक्ष किसका इंतजार कर रहे हैं? इस पर सवाल उठाते हुए पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि यह पूरी तरह से पक्षपात है. पृथ्वीराज चव्हाण ने यह भी कहा कि अगर अलग हुए गुट के पास 36 विधायक नहीं रहे तो बड़ा राजनीतिक भूचाल आ जाएगा. पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मौजूदा राजनीति में जो मुद्दा चल रहा है वह सिर्फ एनसीपी की समस्या नहीं है बल्कि यह राज्य की समस्या है.
पूर्व सीएम ने की मांग
पृथ्वीराज चव्हाण ने यह भी कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को 10 अगस्त तक शिवसेना के निलंबन पर फैसला देना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि यह तय किया जाएगा कि राज्य में वैध सरकार है या अवैध सरकार है. चव्हाण ने यह भी कहा कि पहले बक्सों वाली भाषा का इस्तेमाल किया जाता था, अब विधायकों को पार्टी में लाने के लिए मंत्री पद की भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है.
राज्य की समस्या की किसी को परवाह नहीं है
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मौजूदा राजनीति इतने खराब स्तर पर चली गई है कि कोई भी राज्य के मुद्दे पर ध्यान नहीं दे रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि इस सारी स्थिति के लिए नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं. पृथ्वीराज चव्हाण ने यह भी कहा कि विभिन्न पार्टियां सत्ता में बने रहने के लिए भ्रष्ट लोगों का समर्थन कर रही हैं.