NCP Political Crisis: अजित पवार  (Ajit Pawar) के कदम ने महाराष्ट्र (Maharashtra Politics) की राजनीति में भूचाल ला दिया. शरद पवार (Sharad Pawar) अपने भतीजे के कदम को भांप नहीं पाए. अजित पवार शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं. अजित पवार समेत नौ विधायक शिंदे सरकार में शामिल हो गए हैं.सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार का अगला कदम एनसीपी (NCP) पर दावा ठोकना हो सकता है. वहीं, महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने पर अजित पवार के समर्थक इस वक्त जश्न मना रहे हैं. 


राजभवन जाने से पहले अजित पवार ने विधायकों की बैठक बुलाई थी जिसपर शरद पवार ने कहा था कि 'मुझे ठीक से नहीं पता लेकिन विपक्ष के नेता होने के नाते उन्हें विधायकों की बैठक बुलाने का अधिकार है. वह ऐसा नियमित रूप से करते हैं.' शरद पवार के बयान से ऐसा लगता है कि वह अजित पवार के अगले कदम को भांप ही नहीं पाए और इसे सामान्य बैठक मान रहे थे. शरद पवार 2019 में एनसीपी और बीजेपी की अल्प-अवधि की बनाई गई सरकार को लेकर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ बयानों में उलझे रह गए, इस बीच अजित पवार ने बड़ा खेल कर दिया. 


बढ़ेगी शरद पवार की टेंशन?


वहीं, अब ऐसा माना जा रहा है कि एकनाथ शिंदे ने जिस तरह बगावत करने के बाद शिवसेना पर अपना दावा ठोका था अजित पवार भी ऐसा कर सकते हैं. दरअसल, मौजूदा आंकड़े भी इसके समर्थन में ही बात कर रहे हैं. विधानसभा में एनसीपी के 54 विधायक हैं. सूत्र बताते हैं कि इनमें से 35 विधायक अजित पवार के साथ है. वहीं पांच सांसदों में से तीन अजित पवार के समर्थन में खड़े हैं. 


कौन कौन मंत्री बने?


अजित पवार अकेले नहीं हैं जिन्हें शिंदे मंत्रीमंडल में जगह मिली है. छगन भुजबल, दिलीप वलसे, हसन मुश्रीफ भी मंत्री बने हैं. अनिल पाटिल, अदिती तटकरे, धनंजय मुंडे, धर्मराव आत्राम, संजय बनसोडे ने भी मंत्री पद की शपथ ली है. बता दें कि छगन भुजबल एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. हाल ही उन्होंने एनसीपी से यह मांग की थी कि किसी ओबीसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए. इसके लिए उन्होंने अपने नाम का भी प्रस्ताव दे डाला था. 


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