Maharashtra NCP Crisis: शरद पवार या अजित, किसकी एनसीपी? पार्टी और सिंबल की लड़ाई पर सुप्रिया सुले का बड़ा दावा
NCP Crisis: महाराष्ट्र में अक्टूबर के महीने में चुनाव आयोग के सामने एनसीपी पार्टी और चुनाव चिन्ह को लेकर सुनवाई होनी है. सुनवाई के लिए यहां अजित पवार और शरद पवार गुटों को बुलाया गया है.
Maharashtra NCP Political Crisis: शरद पवार और अजित पवार के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के दोनों गुट इस सप्ताह के अंत में चुनाव आयोग के सामने पेश होने वाले हैं, पार्टी की वरिष्ठ नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि शरद पवार के पार्टी और चुनाव चिह्न खोने का कोई सवाल ही नहीं है. उन्होंने जोर देकर कहा कि "यह स्पष्ट है" कि पार्टी अपने संस्थापक के साथ रहेगी. सुले ने कहा, "मेरा मानना है कि इसके (पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न) जाने का कोई सवाल ही नहीं है. पार्टी की स्थापना शरद पवार ने की थी और यह उन्हीं के पास रहना चाहिए, यह स्पष्ट है."
सुनवाई के लिए दोनों गुटों को बुलाया गया है
अजित पवार ने इस साल जुलाई में अपने चाचा और एनसीपी संस्थापक शरद पवार के खिलाफ बगावत कर दी थी और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए थे. आठ अन्य एनसीपी विधायक भी बगावत में अजित पवार के साथ शामिल थे. तब से, दोनों गुट भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के समक्ष पार्टी के नाम और प्रतीक पर दावा कर रहे हैं. ईसीआई ने दोनों समूहों को 6 अक्टूबर को सुनवाई के लिए बुलाया है. यह पुष्टि करते हुए कि वह ईसीआई सुनवाई के लिए उपस्थित होंगे, शरद पवार ने कहा, "हर कोई जानता है कि पार्टी संस्थापक कौन है".
क्या बोले शरद पवार?
शरद पवार ने टिप्पणी करते हुए कहा, "आम आदमी क्या सोचता है यह महत्वपूर्ण है. कुछ लोगों ने एक अलग राजनीतिक रुख अपनाया है, और मैं इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता क्योंकि लोकतंत्र में यह उनका अधिकार है. लेकिन, महाराष्ट्र और देश के बाकी लोग जानते हैं कि कौन एनसीपी का संस्थापक है. मेरे लोग जो कहते हैं उसमें सच्चाई है. स्थिति हमारे अनुकूल है.'' उन्होंने यह भी कहा कि जिन लोगों ने बीजेपी से हाथ मिलाया है, वे एनसीपी के नहीं हो सकते. इस बीच अजित पवार ने कहा कि वह चुनाव आयोग के 'अंतिम' फैसले को स्वीकार करेंगे.