Maharashtra Politics Crisis: कल महाराष्ट्र की राजनीति में जबरदस्त भूचाल आया. एनसीपी के नेता अजित पवार ने बगावत कर दी. इस पूरे घटनाक्रम को लेकर उद्धव ठाकरे गुट ने अपने मुखपत्र 'सामना' में एनसीपी नेता पर हमला बोला है. 'सामना' में कहा गया है, 'भोर की शपथविधि में नाकामी हाथ लगने के बाद अजित पवार ने कल भरी दोपहरी का मुहूर्त चुना और शिंदे सरकार में शामिल हो गए.'
'सामना' में दावा
उद्धव गुट ने दावा करते हुए कहा, 'अजित पवार के इस दांव से कल महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ गया. अजित पवार ने राजभवन में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. लेकिन अजित पवार के सरकार में ‘इन’ होने से अब एकनाथ शिंदे का मुख्यमंत्री के पद से ‘आउट’ होना तय माना जा रहा है.'
'सामना' में आगे कहा गया है, अजित पवार के साथ में राष्ट्रवादी के कितने विधायक सरकार में शामिल हुए, ये साफ नहीं हो सका है लेकिन 16 गद्दारों पर लटकती अयोग्यता की तलवार चलेगी और बाद में सरकार गिरे नहीं, इसलिए बीजेपी द्वारा ये खरीद-फरोख्त की गई है, ऐसा दावा किया जा रहा है. राज्यपाल रमेश बैस ने छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटील, धनंजय मुंडे, हसन मुश्रीफ, अनिल पाटील, संजय बनसोडे, अदिति तटकरे, धर्मराव बाबा अत्राम को मंत्री पद की शपथ दिलाई.'
इन्होंने छोड़ा एनसीपी
अजित पवार सिर्फ आठ लोगों को साथ लेकर नहीं गए, बल्कि राष्ट्रवादी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल, विधानसभा में उपाध्यक्ष नरहरि जिरबल, विधान परिषद के सभापति रामराजे निंबालकर और पार्टी के कोषाध्यक्ष व सांसद सुनील तटकरे, अमोल कोल्हे को भी साथ ले गए.
शिंदे गुट पर साधा निशाना
उद्धव गुट ने कहा, 'शिवसेना से गद्दारी करके उन्होंने सरकार गठित तो कर लिया लेकिन अब राष्ट्रवादी के ही गुट के सरकार में शामिल होने से घाती गुट के कई विधायकों का मंत्री बनने का सपना टूट गया है. इसलिए ‘गाय गई, साथ रस्सी भी ले गई’, ऐसी स्थिति उनकी हो गई है.'
शरद पवार का जिक्र करने से बचते रहे
यह पूछे जाने पर कि क्या शरद पवार को इस सबके बारे में कोई जानकारी है? इस पर अजित पवार ने सधे हुए जवाब में कहा कि हमें पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है. वे शरद पवार का जिक्र करने से बचते रहे. इस बीच जब पूछा गया कि कितने विधायक आपके साथ हैं, तो अजित पवार ने कहा कि ज्यादातर विधायक और नेता-कार्यकर्ता हमारे साथ हैं. उन्होंने यह भी बयान दिया कि लोकतंत्र में बहुमत महत्वपूर्ण है.