NCP Political Crisis: अजित पवार की बगावत के बाद शरद पवार ने नासिक में एक जनसभा कर जनता से सीधा संवाद किया. उन्होंने नासिक में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बड़े बयान दिए और अजित पवार गुट पर हमला बोला. नासिक में पत्रकारों ने शरद पवार से पूछा कि भविष्य में आपका प्रतिद्वंद्वी कौन होगा? जो लोग अब पार्टी छोड़ चुके हैं, या बीजेपी? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ''मैं राजनीति में किसी को दुश्मन नहीं मानता. राजनीति में मतभेद होते हैं, मनभेद होते हैं. लेकिन इसका मतलब शत्रुता नहीं है."
अगर राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक साथ आ जाएं तो?
शरद पवार ने बयान देते हुए कहा, फैसला राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे लेंगे लेकिन कोई साथ है तो खुशी है. इतना ही नहीं उन्होंने कहा है कि अगर राजनीति कीचड़ हो भी गई है तो उसमें बीज बोने चाहिए.
'मुझे जितेन्द्र आव्हाड और जयंत पाटिल पर गर्व है'
शरद पवार से सवाल पूछा गया कि, क्या आव्हाड और जयंत पाटिल पार्टी में बाधक हैं? जब उनसे पूछा गया, “ये वे लोग हैं जो पार्टी के अच्छे या बुरे समय में अपने करियर की परवाह किए बिना पार्टी की विचारधारा के लिए वही करते हैं जो जरूरी है. इसलिए हमें उन पर गर्व है.''
मैंने नासिक से शुरुआत क्यों की?
मैंने नासिक को क्यों चुना? क्योंकि आजादी के इतिहास में नासिक का एक अलग ही महत्व है. साथ ही कांग्रेस के इतिहास में नासिक का एक अलग महत्व है. शहर द्वारा कई अच्छे मार्गदर्शक उपलब्ध कराए जाते हैं. इसके अलावा एक और बात यह है कि राजनीति में आने वाले हम सभी लोगों के आदर्श यशवंतराव चव्हाण थे. उस समय देश पर चीन का संकट आया और नेहरू ने उन्हें दिल्ली बुलाया.
उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया. चव्हाण की लोकसभा में पहली एंट्री नासिक से हुई थी. शरद पवार ने यह भी कहा है कि यह नासिक की पृष्ठभूमि है, इसलिए मैंने यहां से शुरुआत की है.