Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में अजित के 'पावर' से बीजेपी कितनी होगी मजबूत, 2024 के चुनाव में होगा फायदा?
Maharashtra NCP Political Crisis: अजित पवार की बगावत के बाद महाराष्ट्र की राजनीति बदल गई है. अजित पवार का समर्थन बीजेपी के लिए कितना अहम है, क्या BJP को चुनाव में फायदा मिलेगा?
Maharashtra NCP Crisis: जैसे-जैसे 2024 का लोकसभा चुनाव करीब आ रहा है, राजनीतिक गलियारों में भारी उलट-फेर देखने को मिल रही है. बीजेपी पीएम मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का दावा भी कर रही है अब इस दावे में कितना दम है ये तो आने वाले चुनाव में ही पता चलेगा. इसके लिए बीजेपी ने कमर कस ली है और कई राज्यों में विपक्ष को घेरने की तैयारी शुरू कर दी है. वहीं दूसरी ओर, पीएम मोदी को रोकने के लिए विपक्षी दलों का एक समूह एकजुट हो गया है. बताया जा रहा है कि 2024 के मद्देनजर बीजेपी ने महाराष्ट्र में सबसे बड़ी चाल चली है.
एजेंसियों के डर से बीजेपी का समर्थन किया?
एबीपी माझा के अनुसार, अजित पवार बगावत कर शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हो गए हैं. उनके साथ प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल और दिलीप वलसे पाटिल भी थे, जो शरद पवार के करीबी विश्वासपात्र माने जाते हैं. अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली और उनके साथ 8 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली. कहा जा रहा है कि इन सभी ने केंद्रीय एजेंसियों के डर की वजह से बीजेपी का समर्थन किया है. लेकिन सिर्फ अजित पवार को ही बीजेपी के समर्थन की जरूरत नहीं है, बल्कि बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए भी अजित पवार के समर्थन की भी जरूरत है.
कई राज्यों में बीजेपी की लहर कम?
एबीपी माझा के अनुसार, देश के कुछ राज्यों में बीजेपी की लहर कम होती नजर आ रही है. इस समय देखा गया कि बिहार, कर्नाटक और महाराष्ट्र में बीजेपी का प्रभाव कम हो गया है. ये तीनों वही राज्य हैं, जहां 2019 के चुनाव में बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की थी. 2019 में बीजेपी, एलजेपी और जेडीयू ने बिहार की 40 में से 39 सीटें जीतीं. लेकिन, अब जेडीयू ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया और बिहार में बीजेपी की सत्ता चली गई. वहीं कर्नाटक में बीजेपी ने 28 में से 25 सीटें जीतीं, और एक सीट उसके समर्थकों के खाते में गई, लेकिन हाल ही में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा.