Maharashtra NCP Crisis: एनसीपी नेता अजित पवार बगावत कर शिंदे-फडणवीस सरकार में शामिल हो गए हैं. बताया जाता है कि उनके साथ 30 से 40 विधायक हैं. बगावत के बाद उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया. क्या अजित पवार के अपने परिवार के साथ-साथ पार्टी के भीतर भी मतभेद थे? यह सवाल पूछा जा रहा है. इस पर अब एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने प्रतिक्रिया दी है. जयंत पाटिल ने कहा है कि मैंने अजित पवार से कहा कि आपको पार्टी अध्यक्ष बनना चाहिए.
जयंत पाटिल ने दिया ये जवाब
आखिर अजित पवार ने बगावत क्यों की? क्या उनके पार्टी नेताओं से मतभेद थे? ये सवाल जयंत पाटिल से पूछा गया था. इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ''परिवार में झगड़े का सवाल ही नहीं था. पार्टी में भी विवाद का कोई सवाल नहीं था. क्योंकि मैं और अजित पवार साथ बैठकर पार्टी के बारे में फैसले लेते थे. अगर किसी नेता की नियुक्ति करनी होती तो उस पर चर्चा की जाती. अगर किसी मुद्दे पर हमारे बीच मतभेद होता है, तो एक बड़ी बैठक बुलाई जाती है."
जयंत पाटिल ने कहा, “अजित पवार ने पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनने की इच्छा व्यक्त की थी. मुझे याद है कि विपक्षी दल चुनते समय मैंने उनसे (अजित पवार) कहा था कि आपको प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहिए, मैं विपक्षी दल का नेता था. ये एक साल पहले की बात है. तब वह (अजित पवार) विपक्षी पार्टी बनना चाहते थे.' इसीलिए हसन मुश्रीफ और छगन भुजबल ने सुझाव दिया कि अजित पवार को विपक्ष का नेता बनना चाहिए और मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहिए."
'शरद पवार लेने वाले थे फैसला'
पाटिल ने कहा, ''अजित पवार ने हाल ही में बैठक में बोलते हुए पार्टी संगठन में काम करने की इच्छा जताई थी. अजित पवार के इस बयान पर शरद पवार ने भी संज्ञान लिया. इस पर चर्चा के लिए 6 जुलाई को बैठक बुलाई गई थी. जयंत पाटिल ने कहा, ''अजित पवार की मांग पर शरद पवार कुछ फैसला लेने वाले थे.'' अजित पवार और मैंने कई वर्षों तक एक साथ काम किया है. जयंत पाटिल ने यह भी स्पष्ट किया कि हमारे बीच विवाद का कोई सवाल ही नहीं है.
अजित पवार की बगावत पर शरद पवार की प्रतिक्रिया
इस बीच एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि हम अजित पवार की बगावत का समर्थन नहीं करते हैं. शरद पवार ने भी कहा है कि हमें जनता पर भरोसा है. वह जल्द ही पूरे महाराष्ट्र का दौरा करेंगे.