Maharashtra NCP Crisis: महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता हसन मुश्रिफ ने पार्टी के शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट में लौटने की संभावना से गुरूवार को इनकार कर दिया. मुश्रिफ जुलाई में अजित पवार और कुछ अन्य एनसीपी नेताओं के साथ राज्य में शिवसेना-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए थे. वह सरकार में चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग मंत्री हैं. जब उनसे शरद पवार की अगुवाई वाले खेमे में लौटने के बारे में पत्रकारों ने पूछा तो मुश्रिफ ने कहा, “फैसला हो चुका है” और वापस जाने के रास्ते बंद कर दिए गए हैं. शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी कहती रही है कि पार्टी में कोई विभाजन नहीं है.


महाराष्ट्र में पवार VS पवार
शिवसेना के बाद अब NCP में पार्टी और सिंबल की लड़ाई चुनाव आयोग तक पहुंच गई है. इस मामले पर आज चुनाव आयोग सुनवाई करेगा. आज इस मामले की पहली सुनवाई होगी. इस वजह से पूरे महाराष्ट्र की नजर इस सुनवाई पर है. शरद पवार गुट की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी बहस करेंगे. इस गुट की ओर से इस बार सात से नौ हजार हलफनामे दाखिल किये गये हैं. दोपहर तीन बजे चुनाव आयोग में सुनवाई होने की संभावना है.


शरद पवार गुट की बैठक में इस बात पर हुई चर्चा
इस संबंध में बीते दिन शरद पवार गुट की ओर से दिल्ली में कार्यसमिति की बैठक भी की गई थी. इस बैठक में ये चर्चा हुई कि अगर चुनाव चिन्ह शरद पवार गुट को नहीं मिलता है तो आगे की आगे की रणनीति क्या होगी? यहां बता दें, शरद पवार गुट द्वारा दिए गए हलफनामों की संख्या अजित पवार गुट से अधिक है. शरद पवार गुट का कहना है कि अजित पवार गुट ने कुछ मृत व्यक्तियों के नाम पर हलफनामा दाखिल किया है. वहीं दावा किया गया है कि उन हलफनामों में 60 सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं.


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