Caste Census: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को जातीय जनगणना की मांग उठाई और कहा कि सामाजिक समानता सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है. एनसीपी के ओबीसी प्रकोष्ठ की एक बैठक को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि हर किसी वह मिलना चाहिए जिसका वह हकदार है. बता दें कि महाराष्ट्र के स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण बहाल करने की मांग की जा रही है.
जातीय जनगणना कराने के सिवा नहीं है कोई और विकल्प
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, "हम कुछ भी मुफ्त नहीं मांग रहे हैं. जातीय जनगणना कराने के सिवा और कोई विकल्प नहीं है." उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति को संविधान द्वारा आरक्षण दिया गया जिससे उन्हें फायदा हुआ और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को भी इसी प्रकार के प्रावधानों की जरूरत है. पवार का बयान ऐसे समय आया है जब महाराष्ट्र के स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण बहाल करने की मांग की जा रही है. राज्य में इस साल कई स्थानीय निकायों में चुनाव भी होने वाले हैं. ओबीसी कोटा पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा महा विकास आघाडी की आलोचना करने पर पवार ने कहा, "आप यहां (महाराष्ट्र में) पांच साल तक (2014 से 2019) सत्ता में रहे और दिल्ली में (केंद्र) 2014 से सरकार में हैं. क्या आप अब तक सो रहे थे?"
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ओबीसी कोटा का मुद्दा सुलझने के बाद एनसीपी लड़ेगी स्थानिया निकाय चुनाव
पवार ने कहा कि ओबीसी कोटा का मुद्दा सुलझने के बाद ही एनसीपी स्थानीय निकाय चुनाव लड़ेगी. एनसीपी अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी के सहयोगी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जातीय जनगणना के पक्ष में हैं लेकिन इस मुद्दे पर बीजेपी की राय अलग है. पवार ने कहा कि आरएसएस नेता भैयाजी जोशी ने यह कहते हुए जातीय जनगणना का विरोध किया था कि इससे समाज में गलत संदेश जाएगा. पवार ने कहा, "अगर एक सही तस्वीर उभरती है तो इसमें गलत क्या है? एनसीपी इसके बारे में जागरूकता पैदा करेगी."
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