Maharashtra News:  महाविकास आघाड़ी में लोकसभा सीटों के बंटवारें को लेकर पेच फ़सा हुआ है. रोजाना बैठकें की जा रही हैं लेकिन कोई निर्णायक फैसला नहीं लिया गया है. वही दूसरी ओर महायुति में लोकसभा सीटों को लेकर फसे हुए पेंच को सुलझाने का जिम्मा गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने ले लिया है. गृहमंत्री ने महाराष्ट्र की राजनीति की बागडोर अपने हाथ मे संभाल ली है और इसी क्रम में अमित शाह मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis), उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Ajit Pawar) के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं.


अमित शाह दो दिनों के महाराष्ट्र दौरे पर आए हुए थे. दौरे के पहले दिन अमित शाह ने जहां अकोला, जलगांव और छत्रपति संभाजी नगर में अलग- अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. सरकारी गेस्ट हाउस सहयाद्रि में देर रात अमित शाह ने दोनों उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार से सीटों के बंटवारे को लेकर करीब आधे घंटे तक चर्चा की. इसके बाद तकरीबन 10:45 से 11:35 तक अमित शाह ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर महायुति में लोकसभा सीटों के बंटवारे को लेकर चर्चा की.


अमित शाह ने बैठक में कही यह बात
सूत्रों के मुताबिक़ कल देर रात सह्याद्री में हुई बैठक में अमित शाह ने कहा कि मोदी को पीएम बनाना है और महाराष्ट्र की कुल 48 सीटों में से 45 से ज्यादा सीटें जितना प्राथमिकता है. जानकारी के मुताबिक सभी सीटों पर लगभग सहमति बन गई है. बीजेपी 30 से ज़्यादा सीटों पर लड़ेगी. एकनाथ  शिंदे और अजित पवार गुट को विनिबिलिटी के आधार पर सीटें मिलेगी. मुंबई की कुल 6 सीटों में से बीजेपी इस बार 5 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है. एकनाथ शिंदे के खाते में दक्षिण मध्य मुंबई की सीट जा सकती है. सूत्रों के हवाले से खबर ये भी है कि शिवसेना के कुछ उम्मीदवार को BJP अपने चुनाव चिह्न पर उतार सकती है.


यह हो सकता है सीट का फॉर्मूला
बता दें की बीजेपी 30 से 32 शिवसेना (शिंदे) ने 22 और एनसीपी अजित पवार गुट ने 9-10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है. महायुति में 30, 12, 6 का फॉर्मूला हो सकता है. अंतिम निर्णय होना बाकी है. आज सुबह चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए दूसरी दौर की भी मीटिंग की गई. दूसरे दौर कि मीटिंग में मुख्यमंत्री दोनों उपमुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले शामिल थे. मीटिंग खत्म होने के बाद सभी एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बीकेसी स्थित जिओ सेंटर के लिए रवाना हो गए. 


2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में क्या अंतर है?
 2019 के लोकसभा में बीजेपी का गठबंधन अविभाजित शिवसेना के साथ था. उस वक़्त बीजेपी 25 सीटों पर और अविभाजित शिवसेना ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा था. बीजेपी को 23 सीटों पर और अविभाजित शिवसेना ने 18 सीटों पर जीत मिली थी. ख़ासकर अगर मुंबई की बात करे तो मुंबई की कुल 6 लोकसभा सीटों में से शिवसेना और बीजेपी के बीच तीन- तीन सीटों का बंटवारा हुआ था. 2024 के लोकसभा चुनाव में मुंबई से बीजेपी पांच सीटों पर चुनाव लड़ सकती है तो वहीं शिवसेना एकनाथ शिंदे गुट को मुंबई से एक सीट मिलने की संभावना है.


बीजेपी की अविभाजित शिवसेना के जीती हुई सीटों पर नज़र
बीजेपी की शिवसेना कोटे की 5 सीटों पर नजर है. सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी की शिवसेना की जिन 5 सीटों पर नजर है उनमें ठाणे, परभनी, दक्षिण मुंबई यवतमाल और रामटेक शामिल है. राजनीति से जुड़े जानकारों का मानना है कि बीजेपी 400 पार के नारे को किसी भी कीमत पर सच में तब्दील करना चाहती है. 400 के आंकड़े को पार करने के लिए बीजेपी खुद ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. यही कारण है कि सीटों के बंटवारे के समय बीजेपी अपनी सहयोगी पार्टियों को सिर्फ उन्हीं सीटों पर टिकट देना चाहती है जहां सहयोगी दलों की पकड़ मजबूत है. नाराज सहयोगियों की नाराजगी दूर करने के लिए भाजपा विधानसभा चुनाव में कुछ सीटों पर समझौता कर सकती है.


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