Maharashtra NEET Student’s 2nd Choice Is Ayurveda: कुछ समय पहले तक जब मेडिकल स्टूडेंट्स (NEET UG Students) के कोर्स चुनने की बारी आती थी तो एमबीबीएस (MBBS) के बाद अधिकतर स्टूडेंट्स सेकेंड नंबर पर डेंटल कोर्स (BDS) को चुनते और होम्योपैथी (BHMS) आती थी तीसरे नंबर पर. हालांकि पिछले कुछ सालों के महाराष्ट्र (Maharashtra Medical Students) के आंकड़ें देखें तो एक अलग ही तस्वीर सामने आती है. ये आंकड़ें बताते हैं कि अब छात्र एमबीबीएस (Maharashtra MBBS Students) के बाद आर्युवेद कोर्स(Maharashtra Ayurveda Students) को प्राथमिकता देने लगे हैं. यानी उनकी सेकेंड च्वॉइस डेंटल और होम्योपैथी न होकर अब आर्युवेद हो गई है.
क्या कहते हैं आंकड़े –
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र (Maharashtra NEET 2022) के नीट यूजी (Maharashtra NEET Students 2022) के छात्रों के पिछले सालों के आंकड़े ये कहते हैं.
- पिछले चार सालों में महाराष्ट्र में आर्युवेद सीटों में 30 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी की गई है. इनमें से कुछ सीटें ही हर साल खाली रही हैं.
- आर्युवेद के साथ ही कैंडिडेट्स को होम्योपैथी भी पसंद आने लगी है. वे इसको भी भरपूर वरीयता दे रहे हैं और साल 2019-20 में जहां 844 सीटें तक खाली रह जाती थी, वहीं अब ये नंबर 60 तक पहुंच गया है.
- साल 2018-19 में महाराष्ट्र राज्य में आर्युवेद की सीटें जहां 4300 थी वहीं साल 2021-22 में ये बढ़कर तकरीबन 5600 पहुंच गईं.
- कोरोना के बाद से कैंडिडेट्स का झुकाव आर्युवेद और होम्योपैथी की तरफ बढ़ा है. कई लाइफ स्टाइल बीमारियों में जहां मॉर्डन मेडिसिन उतनी कारगर नहीं हुई वहीं इन दोनों विधाओं ने बेहतरीन काम किया है.
- आर्युवेद और होम्योपैथी के पीजी कोर्सेस का भी यही हाल है. जहां छात्रों और सीटों की संख्या बढ़ी है. साल 2019-20 में आर्युवेद पीजी की कुल सीटें 1092 थी जो अगले साल बढ़कर 1163 हो गईं. 2019 में 355 सीटें खाली रही थी तो 2020 में ये संख्या 126 ही बचीं.
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