'जब तक CM शपथ नहीं ले लेते, तब तक...', एकनाथ शिंदे ने छुट्टी क्यों ली? प्रियंका चतुर्वेदी का बड़ा बयान
Maharashtra CM Name: प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि एकनाथ शिंदे क्यों कहते रहते हैं कि उन्हें कोई समस्या नहीं है. फिर भी हम नहीं जानते कि सीएम उम्मीदवार कौन है.
Maharashtra CM News: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री चेहरे पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है. इसको लेकर विपक्षी भी सवाल उठा रहे हैं. इसी कड़ी में शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी की भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने कहा है कि जब तक सीएम शपथ नहीं ले लेते, तब तक हम नखरे देखते रहेंगे. अगर कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे ने बिना शर्त समर्थन दिया था, तो उन्होंने 2 दिन की छुट्टी क्यों ली और किसी भी बैठक में भाग क्यों नहीं लिया?
प्रियंका चतुर्वेदी ने आगे कहा कि मुझे नहीं पता कि वह क्यों कहते रहते हैं कि उन्हें कोई समस्या नहीं है. फिर भी हम नहीं जानते कि सीएम उम्मीदवार कौन है. तीनों गठबंधन सहयोगियों में से किसी ने भी राज्यपाल को पत्र लिखकर नहीं बताया कि उनके पास पर्याप्त सीटें हैं और वे एक साथ शपथ लेने को तैयार हैं. क्या अब बीजेपी तय करेगी कि राज्यपाल कैसे काम करेंगे? यह सब बीजेपी के मुख्यालय से चलेगा?
नए मुख्यमंत्री के बारे में बीजेपी फैसला करेगी- एकनाथ शिंदे
बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि राज्य के नए मुख्यमंत्री के बारे में बीजेपी फैसला करेगी, जिसे उनका पूरा समर्थन प्राप्त होगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार गठन को लेकर महायुति सहयोगियों के बीच कोई मतभेद नहीं है. सतारा जिले में अपने पैतृक गांव दारे में पत्रकारों से बातचीत में शिंदे ने कहा कि सरकार गठन पर बातचीत चल रही है और सभी निर्णय महायुति के तीनों सहयोगियों शिवसेना, बीजेपी और एनसीपी की ओर से आम सहमति से लिए जाएंगे.
शिंदे ने यह भी कहा कि वह नियमित रूप से अपने गांव आते हैं और उनके दौरे को लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए, क्योंकि उन्होंने पिछले सप्ताह ही मुख्यमंत्री पद पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया था. शिवसेना नेता शुक्रवार को अपने पैतृक गांव गए थे. ऐसी अटकलें थीं कि शिंदे नयी सरकार के गठन से खुश नहीं हैं, लेकिन उनके एक सहयोगी ने बताया कि वह बीमार हैं और रविवार शाम को मुंबई लौटेंगे. बीजेपी, शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के महायुति गठबंधन ने विधानसभा चुनावों में भारी जीत के साथ सत्ता बरकरार रखी, जिसके परिणाम 23 नवंबर को घोषित किए गए.