Maharashtra New CM: महाराष्ट्र CM को लेकर फंसा पेंच, क्या देवेंद्र फडणवीस इस बार कर पाएंगे खेला?
Maharashtra CM News: महाराष्ट्र CM को लेकर देवेंद्र फडणवीस का तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की चर्चा के बीच शिवसेना शिंदे के नेताओं के बयान ने इसे पेंचीदा बना दिया. जानें कौन होगा प्रदेश का नया सीएम?
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Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, इसको लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. दो दिन पहले ही सत्तारूढ़ बीजेपी नीत महायुति ने विधानसभा चुनाव में भारी जीत हासिल कर कांग्रेस नीत महा विकास आघाडी (एमवीए) के सत्ता हासिल करने के सपने को चकनाचूर कर दिया था. सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन में शिवसेना के इस बात पर जोर देने के कारण विलंब हो रहा है कि एकनाथ शिंदे ही मुख्यमंत्री बने रहें.
सूत्रों के मुताबिक 20 नवंबर को हुए चुनाव के नतीजे शनिवार को आने के बाद ऐसी चर्चा थी कि नए मुख्यमंत्री को सोमवार तक शपथ दिलाई जा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सत्तारूढ़ महायुति इस बात पर आम सहमति नहीं बना पाई कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?
शिवसेना शिंदे ने दिया बिहार मॉडल का हवाला
ऐसी अटकलें थीं कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी की शादी के ‘रिसेप्शन’ में शामिल होने के लिए सोमवार को दिल्ली पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, शिंदे और अजित पवार मुख्यमंत्री पद पर गतिरोध को सुलझाने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में बीजेपी नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हस्के ने ‘बिहार मॉडल’ का हवाला देते हुए कहा कि एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहना चाहिए, जहां सत्तारूढ़ ‘महायुति’ ने विधानसभा चुनाव में शानदार जीत हासिल की है.
बीजेपी ने शिवसेना के दावे को किया खारिज
हालांकि, बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने मुख्यमंत्री पद के लिए देवेंद्र फडणवीस की वकालत करते हुए कहा कि वह राज्य का नेतृत्व करने के लिए सबसे सक्षम उम्मीदवार हैं. एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना, बीजेपी और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के ‘महायुति’ गठबंधन ने हाल में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 288 में से 230 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी. जबकि विपक्षी महाविकास आघाड़ी (एमवीए) को सिर्फ 46 सीट मिलीं.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा सबसे अधिक 132 सीट जीतने के बाद फडणवीस के मुख्यमंत्री पद का दावेदार होने की अटकलें लगने लगीं. शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने 57 सीट पर जीत हासिल की. अजित पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने 41 सीट पर जीत दर्ज की है.
फडणवीस के तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की चर्चा के बीच, शिवसेना शिंदे के विभिन्न नेताओं ने बयान दिया कि शिंदे को पद पर बने रहना चाहिए, क्योंकि मुख्यमंत्री के रूप में भारी जीत उनके नेतृत्व में ही मिली है. म्हस्के ने कहा कि शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में बने रहना चाहिए.
म्हस्के ने महाराष्ट्र की स्थिति की तुलना हरियाणा से की, जहां बीजेपी ने हाल में नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ा था. उन्होंने कहा, ‘‘महाराष्ट्र में चुनाव शिंदे, फडणवीस और अजित पवार के नेतृत्व में लड़ा गया था. यह दर्शाता है कि गठबंधन के नेतृत्व का सम्मान किया जाना चाहिए.’’
रविवार को निवर्तमान सरकार में मंत्री दीपक केसरकर ने एकनाथ शिंदे से मुंबई में उनके आवास पर मुलाकात की थी और उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने की वकालत की थी. केसरकर ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘शिवसेना विधायकों का मानना है कि शिंदे को पद पर बने रहना चाहिए, क्योंकि उनके नेतृत्व में महायुति ने चुनावों में बहुत बेहतर प्रदर्शन किया.’’
विवाद से इनकार
बीजेपी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे ने कहा कि पार्टी जल्द ही अपने विधायकों की बैठक करेगी. दानवे ने कहा, ‘‘एनसीपी ने अजित पवार को अपना नेता चुना है और इसी तरह शिवसेना शिंदे ने भी एकनाथ शिंदे को अपना नेता चुना है. बीजेपी जल्द ही अपने विधायकों की बैठक बुलाएगी. यह स्पष्ट है कि बीजेपी मुख्यमंत्री का पद चाहती है.’’
उन्होंने कहा कि पार्टी की आंतरिक चर्चा के बाद अंतिम निर्णय के बारे में केंद्रीय नेतृत्व को सूचित किया जाएगा. फडणवीस ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद को लेकर किसी भी विवाद से इनकार करते हुए कहा था कि महायुति के नेता मिलकर इस मुद्दे पर फैसला करेंगे.
राष्ट्रपति शासन की खबर गलत
इस बीच, विधानमंडल के एक अधिकारी ने उन खबरों को खारिज कर दिया कि यदि 26 नवंबर तक नई सरकार नहीं बनी, तो राष्ट्रपति शासन लागू हो सकता है. छब्बीस नवंबर को 14वीं राज्य विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. एक अधिकारी ने बताया कि वास्तव में भारत के निर्वाचन आयोग के अधिकारियों द्वारा रविवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को राज्य विधानसभा के नव-निर्वाचित सदस्यों के नामों के साथ राजपत्र की प्रतियां सौंपे जाने के साथ ही 15वीं विधानसभा पहले ही अस्तित्व में आ चुकी है.
अधिकारी ने कहा कि राज्य विधानसभा के परिणामों के प्रकाशन के बारे में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 73 के अनुसार, ‘‘निर्वाचित सदस्यों के नामों की अधिसूचना प्रस्तुत किए जाने के बाद, यह माना जाएगा कि सदन का विधिवत गठन हो गया है.’’
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